पीजीटी संस्कृत भर्ती रद करने के विरोध में सौंपा ज्ञापन
पीजीटी संस्कृत पद पर चयनितों ने भर्ती रद्द करने के विरोध में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, जींद: पीजीटी संस्कृत पद पर चयनितों ने भर्ती रद्द करने के विरोध में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। युवाओं ने कहा कि हरियाणा सरकार सरकारी नौकरियों के बारे में बिन खर्ची पर्ची का जो नारा दे रही थी, उसको सरकार खुद ही धराशायी कर रही है। ऐसी पारदर्शिता का क्या फायदा, जब भर्ती ही पूरी नहीं हो रही है।
पीजीटी संस्कृत के पदों पर चयनित होकर लगातार ज्वाइनिग की मांग कर रहे शिक्षकों ने कहा कि पीजीटी संस्कृत की 626 पदों का विज्ञापन 28 जून 2015 को निकाला था। हरियाणा सरकार द्वारा निर्धारित किए गए तमाम मापदंडों या विज्ञापन की शर्तों को पूरा करते हुए 15 जून 2016 को अभ्यर्थियों का स्क्रीनिग टेस्ट हुआ था। उसके बाद 2017, 2018 में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुआ। दिसंबर 2018 में स्क्रीनिग टेस्ट पास करने वाले अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के डिविजनल बेंच के आदेश पर 1 जनवरी 2019 को फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने के लिए कहा था। उसके बाद फरवरी 2019 में ही शिक्षा सदन में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हुई। इसके बाद मामला न्यायालय में जाने के बाद तथा पिछले एक साल से कोरोना के कारण सुनवाई न होने के कारण मामला लंबित चल रहा था। न्यायालय ने यथास्थिति के आदेश दिए हुए थे, परंतु उन आदेशों को दरकिनार करते हुए हरियाणा सरकार ने सुनवाई से एक दिन पहले बिना कारण बताए ही भर्ती को रद्द कर दिया। चयनितों ने बताया कि छह साल लंबी चली भर्ती प्रक्रिया के बाद अंतिम रिजल्ट तक घोषित होने के बाद भर्ती को बिना कारण के अचानक से रद्द कर देना पढ़े-लिखे युवाओं के साथ भद्दा मजाक सरकार द्वारा किया है। पीजीटी संस्कृत पर चयनित हुए शिक्षकों ने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से निकाले गए नए विज्ञापन को रद करना चाहिए और जो पुरानी भर्ती की तमाम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उस भर्ती को पूरा करना चाहिए। लगातार 5 साल से भर्ती की उम्मीद जो उम्मीदवार कर रहे हैं, उन्हें ज्वाइनिग लेटर देना चाहिए।