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बुजुर्ग हुक्का छोड़ दें, बच्चे चिप्स व कुरकुरे से दूर रहें : डॉ. पांचाल

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. रमेश पांचाल ने पैतृक गांव घिमाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बचों को दांतों की बीमारियों के प्रति जागरूक किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 07:30 AM (IST)
बुजुर्ग हुक्का छोड़ दें, बच्चे चिप्स व कुरकुरे से दूर रहें : डॉ. पांचाल
बुजुर्ग हुक्का छोड़ दें, बच्चे चिप्स व कुरकुरे से दूर रहें : डॉ. पांचाल

जागरण संवाददाता, जींद : सिविल अस्पताल के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. रमेश पांचाल ने पैतृक गांव घिमाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दांतों की बीमारियों के प्रति जागरूक किया। दंत एवं मुख पखवाड़ा अभियान के तहत हुए कार्यक्रम में डॉ. पांचाल ने बच्चों को मुंह में होने वाले छाले और मुख कैंसर आदि के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिसिपल लता सैनी ने की।

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डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को तो इससे नुकसान होता ही है, साथ में उसके पास रहने वाले लोगों को भी उससे अधिक नुकसान होता है, क्योंकि यह धुआं सांस के द्वारा मनुष्य के शरीर में चला जाता है। इससे बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है। मुंह में बार-बार छाले होने के बारे में डॉ. पांचाल ने बच्चों को बताया कि यह सब गलत खान-पान के कारण होता है। बच्चों द्वारा कुरकुरे, चिप्स या तेज मसालेदार चीजें खाई जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि कई बार दांत के चुभने से भी छाले बन जाते हैं। यदि किसी बच्चे के छाले हैं और वह एक सप्ताह बाद भी ठीक नहीं होते तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। डॉ. पांचाल ने कहा कि वे घिमाना के इसी सरकारी स्कूल में पढ़े हैं। बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें और अपने लक्ष्य तक पहुंचे। इस मौके पर डीपीई राजेश, सीमा, सतबीर गोयल, कुलदीप आदि मौजूद थे।

बच्चे करेंगे बुजुर्ग, महिलाओं को धूम्रपान नहीं करने के लिए प्रेरित

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. रमेश पांचाल ने बच्चों को जागरूकता अभियान चलाकर गांव में धूम्रपान करने वाली खासकर बुजुर्ग महिलाओं को प्रेरित करने का आह्वान किया। गांव में बुजुर्ग महिलाएं हुक्का पीती हुई देखी जा सकती है। बच्चों को चाहिए कि वह एक अभियान चलाते हुए गांव को धूम्रपान से मुक्त बनाएं। बुजुर्ग महिलाएं न मानें तो कुछ समय के लिए उनसे रूठ भी जाएं। तभी मानें, जब वे हुक्का छोड़ने के लिए राजी हो जाएंगे। ऐसा करके हम उन्हें कैंसर व अन्य बीमारियों से बचा सकते हैं।


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