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कूपन खत्म होने से काला पीलिया के मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

जिला नागरिक अस्पताल में पिछले दो माह से काला पीलिया (हेपेटाइटस-सी) की बीमारी का इलाज नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 07:10 AM (IST)
कूपन खत्म होने से काला पीलिया के मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
कूपन खत्म होने से काला पीलिया के मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज

जागरण संवाददाता, जींद : जिला नागरिक अस्पताल में पिछले दो माह से काला पीलिया (हेपेटाइटस-सी) की बीमारी का इलाज नहीं हो रहा है। काला पीलिया के टेस्ट करवाने के लिए कूपन नहीं मिल रहे हैं। इस कारण करीब 800 मरीजों को टेस्ट व दवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। रोजाना कूपन लेने के लिए मरीज नागरिक अस्पताल में आ रहे हैं, लेकिन कभी पांच दिन तो कभी एक सप्ताह बाद कूपन आने का जवाब मिलने के बाद वापस लौटने पर मजबूर हैं। कूपन की वजह से जांच व इलाज में हो रही देरी के चलते लोग बीमारी को साथ लिए भटकने पर मजबूर हैं। विभाग के रिकार्ड में काला पीलिया के मरीजों की संख्या तीन हजार के करीब है, जबकि संख्या तीन गुणा से भी ज्यादा है। जिलेभर में करीब दस हजार मरीज काला पीलिया की बीमारी के हैं।

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काला पीलिया का पता लगाने के लिए मरीज के कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं। जिसमें सबसे पहले नागरिक अस्पताल में कार्ड टेस्ट किया जाता है। जिसके बाद ब्लड टेस्ट और एलाइजा टेस्ट अस्पताल में फ्री होते हैं। जबकि लीवर फंक्शन टेस्ट, वायरस टेस्ट (वायरल सिरॉलजी), पीटी (आईएनआर), आरएनए (हेपेटाइटिस सी पॉजिटिव आने पर) वायरस जिनोटाइप टेस्ट बाहर से करवाने होते हैं, जिसके लिए मरीज को सरकार की तरफ से जारी एक कूपन दिया जाता था। जिसको लेकर मरीज स्वास्थ्य विभाग की संबंधित अनुबंधित लैब से मुफ्त टेस्ट करवा सकता था। जिसमें करीब पांच हजार रुपये के टेस्ट मुफ्त होते थे, लेकिन दो माह से सरकार से यह कूपन नहीं आए हैं। जिसका कारण संबंधित लैब से अनुबंध नहीं हो पाना बताया जाता है।

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बताया जा रहा है कि पहले एक निजी कंपनी की तरफ से कूपन भेजे जाते थे, लेकिन उस कंपनी की रिपोर्ट डाउन होने के बाद दूसरी कंपनी यह कार्य दिया गया। इस कंपनी ने भी कूपन जींद जिले में भेजने की बजाए रोहतक पीजीआइ भेज दिए। वहां से कूपन जींद सिविल अस्पताल मंगवाने के लिए कई दिनों से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन पिछले दो माह से कूपन नहीं पहुंच रहे हैं। बिना कूपन के मरीजों को पांच हजार रुपये टेस्ट व दवाई के लिए चार हजार रुपये देने पड़ते हैं, जबकि कूपन के साथ निशुल्क हो जाता है। कूपन के माध्यम से यह पता लगाया जाता है की कितना प्रभाव बीमारी का है। उस हिसाब से इलाज शुरू किया जाता है।

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कूपन के लिए लगा रहा हूं चक्कर

पिल्लूखेड़ा निवासी राजेश ने बताया कि वह काला पीलिया से पीड़ित है। पिछले एक माह से बीमारी को लिए इलाज के लिए भटक रहा हैं, यहां आते हुए भी काफी समय बीत गया है, हर बार जवाब मिलता है कि कूपन नहीं आए हैं। कभी एक सप्ताह तो कभी दस दिन की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है। कूपन न आने के कारण इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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सफीदों कर हर गांव काला पीलिया की चपेट में

सफीदों एरिया में काला पीलिया की चपेट में है। यहां कई गांव तो ऐसे हैं जहां हर घर में काला पीलिया के मरीज हैं। इसके बाद नरवाना एरिया में भी मरीजों की काफी संख्या है।सबसे कम मरीज जींद विधानसभा क्षेत्र में मिल रहे हैं। जिले के सभी मरीजों को काला पीलिया का इलाज नागरिक अस्पताल में ही होता है।

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दो दिन ही होता है चेकअप

नागरिक अस्पताल में मरीजों को काला पीलिया की दवाई व जांच करवाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। नागरिक अस्पताल में फिजिशियन नहीं होने के चलते सप्ताह में दो दिन ही मरीजों के टेस्ट व दवाई दी जाती है। जुलाना में कार्यरत फिजिशियन डॉ. नरेश वर्मा सोमवार व बुधवार को नागरिक अस्पताल में पहुंचते हैं और मरीजों का चेकअप करते हैं। दोनों ही दिन इलाज के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगती है।

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स्वास्थ्य विभाग की संबंधित अनुबंधित लैब का समय पूरा हो गया था। विभाग ने दोबारा से नई लैब से अनुबंध किया है। इसी सप्ताह मरीजों के टेस्ट के लिए कूपन आने की संभावना है। मरीजों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

डॉ. जयभगवान जाटान, सिविल सर्जन जींद


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