योग से कमर दर्द दूर, वजन भी घटा, नेट-एचटेट क्वालीफाई
अर्बन एस्टेट निवासी कमलदीप नैन आइटी मल्टीनेशनल कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर हैं। पहले गुरुग्राम ऑफिस में बैठते थे। कोरोना शुरू होने के बाद वर्क फ्रॉम होम चल रहा है।
जागरण संवाददाता, जींद:
अर्बन एस्टेट निवासी कमलदीप नैन आइटी मल्टीनेशनल कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर हैं। पहले गुरुग्राम ऑफिस में बैठते थे। कोरोना शुरू होने के बाद वर्क फ्रॉम होम चल रहा है। हैकिग व साइबर अटैक जैसे मामलों को देखते हैं, इस कारण कंप्यूटर के सामने उनकी सीटिग कई बार 16 से 20 घंटे तक हो जाती है। 10 से 12 घंटे तो अमूमन काम होता ही है। घंटों तक बैठे रहने के कारण उनकी कमर में दर्द होना शुरू हो गया था। डॉक्टर के पास गए तो कई तरह की गोलियां लिख दी। लेकिन कमलदीप ने एक भी गोली नहीं खाई और योग आसन शुरू कर दिए। योगाचार्य जोरा सिंह आर्य के पास रोज सुबह साढ़े पांच से सात बजे तक योग करते हैं। कमलदीप ने बताया कि योग ने इतना फायदा पहुंचाया कि कोई सोच भी नहीं सकता। कमर का दर्द पूरी तरह खत्म हो चुका है। पांच से छह किलो वजन भी कम हो गया। शरीर में लचीलापन बढ़ गया। इससे भी बढि़या यह रहा है कि योग ध्यान से कंसंट्रेशन बढ़ गया और कई परीक्षाओं में इसका बहुत ज्यादा फायदा मिला। योग शुरू करने के बाद हर समय सकारात्मक रहता हूं। कार्यक्षेत्र या दूसरी तरह की कितनी भी बड़ी परेशानी हो, कभी नकारात्मकता नहीं आती। शरीर में हर समय चुस्ती-फुर्ती रहती है। वह हर रोज योगासन करने के लिए कपालभाति, अनुलोम-विलोम व भस्त्रिका प्राणायाम भी करते हैं।
योग से बढ़ी एकाग्रता, नेट क्वालीफाइ व रिसर्च पेपर पब्लिश हुआ
योगाचार्य जोरा सिंह आर्य के सानिध्य में अर्बन एस्टेट स्थित डिवाइन योगा सेंटर में अगस्त से योग अभ्यास कर रहे कमलदीप नैन ने बताया कि रोज योगासन व ध्यान करने से पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ गई। इसी के चलते कंप्यूटर साइंस में नेट भी क्वालीफाई कर दिया और कंप्यूटर में एचटेट परीक्षा भी पास कर ली। यूएस की एजेंसी का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशन का चार घंटे का एग्जाम भी क्वालीफाई करने में योग ने मदद दी। कमलदीप कहते हैं कि पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए योग रामबाण है। इससे एकाग्रता के साथ कार्य शक्ति भी बढ़ती है। योग कक्षा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने गूगल पर केआउटऑफ एलएक्सक्लूजन प्रोटोकॉल फॉर मोबाइल डिवाइसेस पर रिसर्च पेपर पब्लिश किया। इस तरह का रिसर्च पेपर अब तक इजराइल में ही प्रकाशित हुआ है।