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सफीदों की मानसी एमपी की न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर बनी जज

कुछ अलग करने की चाहत में मानसी बालूजा ने मध्यप्रदेश की न्यायिक परीक्षा पास कर जज बन कर अपने परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 07:40 AM (IST)
सफीदों की मानसी एमपी की न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर बनी जज
सफीदों की मानसी एमपी की न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर बनी जज

संवाद सूत्र, सफीदों : कुछ अलग करने की चाहत में मानसी बालूजा ने मध्यप्रदेश की न्यायिक परीक्षा पास कर जज बन कर अपने परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सफीदों के वार्ड नंबर 15 में रहने वाली मानसी क्षेत्र की पहली लड़की है, जो न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर जज बनी है। मानसी की इस सफलता पर पूरा परिवार में खूशी का माहौल है। वहीं मानसी की सफलता पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। क्षेत्र के लोग मानसी को उनकी सफलता पर बधाई दे रहे हैं। वहीं अपने बच्चों को जीवन में सफल होने के लिए मानसी से प्रेरणा लेने को कह रहे हैं। 26 वर्षीय मानसी के पिता कैलाश चंद्र बालूजा उद्योगपति है जबकि माता गृहिणी है व छोटा भाई अभिनव अपने पिता के व्यापार में हाथ बढ़ाता है। मानसी घरेलू कार्यों में अपनी मां का पूरा साथ निभाती है। मानसी को पढ़ाई से साथ साथ पूजा पाठ व सेवा भाव के कार्य करना बहुत पसंद है।

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अलग करने की थी चाहत

मानसी बालूजा ने 12वीं तक विज्ञान संकाय से पास की थी। लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में मानसी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कला संकाय में स्नातक किया व उसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ से एलएलबी की। डिपार्टमेंट ऑफ लॉ से एलएलएम करने के बाद हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व मध्यप्रदेश की न्यायिक सेवा परीक्षा में भाग लिया। मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुई न्यायिक सेवा परीक्षा को मानसी ने पहले प्रयास में ही पास कर लिया। जिसका परिणाम 21 अगस्त को घोषित किया गया था। इस परीक्षा में करीब 2500 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।

कई राज्यों की न्यायिक सेवा परीक्षा दी जज बनी मानसी ने अपनी सफलता के पीछे अपने पूरे परिवार का साथ बताया है। उन्होंने हरियाणा सहित अनेक राज्यों की न्यायिक सेवा परीक्षा में भाग लिया है। हरियाणा की न्यायिक सेवा परीक्षा का परिणाम आना अभी बाकी है। मानसी ने बताया कि जज बन कर उनकी प्राथमिकता न्यायालयों में चल रहे परिवार के झगड़े के मामलों में आपसी सहमती से सुलह कराने की रहेगी। क्योंकि परिवार बसना बहुत मुश्किल होता है, जबकि उसको उजाड़ना बहुत आसान है। महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों में कमी लाने के लिए अपराधी को सख्त सजा देना जरूरी है।


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