जजपा और निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन लें वापस : दीपेंद्र हुड्डा
दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा खुद की जेब में होने के बयान पर कहा कि जजपा को सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए।
संवाद सूत्र, उचाना : कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने अजय चौटाला द्वारा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा खुद की जेब में होने के बयान पर कहा कि जजपा को सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए। जनता ने भाजपा की सरकार को रोकने के लिए जजपा को वोट नहीं दिए थे। वे मोहनगढ़ छापड़ा में किसान रणधीर सिंह और चुहड़पुर में किसान रोशन के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। किसान आंदोलन में इन दोनों की मौत हो गई थी। दीपेंद्र ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से रणधीर सिंह के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव के बाद जजपा नेता भाजपा की गोदी में बैठ गए, जिससे वोटर खफा हैं। देश का किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो चुका है। जजपा के अलावा निर्दलीय समर्थन वापस ले लेंगे तो सरकार लड़खड़ाएगी। हरियाणा की सरकार गिरेगी तो दिल्ली दरबार में उसकी चोट पहुंचेगी और केंद्र सरकार कृषि कानून वापस लेने को मजबूर होगी। भाजपा के खिलाफ वोट लेकर चुने गए लोग ही आज उनकी सरकार को बचाने का काम कर रहे हैं। जजपा व निर्दलीय विधायक विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस व जनता का साथ देकर निर्दयी व निर्मम सरकार को गिराने का काम करें। मौके पर पूर्व विधायक परमेंद्र ढुल, सुरेश गोयत झांझ, धर्मेद्र ढुल, बलराम कटवाल, जगदीश बीबीपुर, बीरेंद्र घोघड़िया, दीपक पिडारा, रोहित दलाल, दिनेश डाहौला, रणधीर नबंरदार, जगमाल चहल, सूरजभान बांगड़, प्रेम बांगड़, राजा बांगड़, शमशेर फौजी मौजूद रहे। अहंकार की हंसी भाजपा को महंगी पड़ेगी
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राज्यसभा में उन्होंने किसान आंदोलन में मौत का ग्रास बने किसानों का मुद्दा उठाया, लेकिन पीएम मोदी से लेकर भाजपा सांसदों के मुंह से सहानुभूति का एक शब्द नहीं निकला। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों की मौत पर हंसते हुए शर्मनाक बयान दिया। ऐसे व्यक्ति को कृषि मंत्री के पद पर रहने का अधिकार नहीं है। भाजपा को अहंकार की यह हंसी बहुत महंगी पड़ेगी। प्रदेश के किसान, मजदूर व दबे-कुचले लोग अब भाजपा के नेताओं से सारा हिसाब लेंगे।