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सांसद सैनी बोले- भाजपा रखे चाहे निकाले अब परवाह नहीं, सिद्धांतों खिलाफ थी जींद रैली

कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी फिर विद्रोही तेवर में हैं। उन्‍होंने अब एक तरह से खुली जंग छेड़ दी है। वह अमित शाह की जींद रैली में नहीं गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 12:46 PM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 08:26 PM (IST)
सांसद सैनी बोले- भाजपा रखे चाहे निकाले अब परवाह नहीं, सिद्धांतों खिलाफ थी जींद रैली
सांसद सैनी बोले- भाजपा रखे चाहे निकाले अब परवाह नहीं, सिद्धांतों खिलाफ थी जींद रैली

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने एक बार फिर विद्रोही तेवर दिखाया है। वह जींद में आयोजित भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह की रैली में नहीं गए। उन्‍हाेंने कहा कि यह युवा हुंकार रैली सिद्धांतों को ताक पर रखकर आयोजित की गई। इसी कारण उन्‍होंने रैली से दूर रहना ही उचित समझा। भाजपा उनको रखे चाहे पार्टी से निकाले इसकी अब परवाह नहीं है।

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सांसद सैनी काफी समय से विद्रोही तेवर अपनाए हुए हैं आैर राज्‍य सरकार पर हमले भी करते रहे हैं। उनका केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह से भी टकराव होता रहा है।

कुरुक्षेत्र से भाजपा के सांसद बृहस्‍तपतिवार को जींद में आयोजित अमित शाह की रैली में नहीं पहुंचे तो कयासों और चर्चाआें का दौर शुरू हो गया। इस रैली में सैनी को छोड़कर राज्‍य से भाजपा के सभी सांसद मौजूद थे। इसके बाद यह भी चर्चाएं शुरू हो गईं कि सैनी ने भाजपा से किनारा करने को पूरी तरह से फैसला कर लिया है। वैसे भी कुछ समय पहले राजकुमार सैनी ने घोषणा की थी कि वह जल्‍द ही अपनी पार्टी बनाएंगे और हरियाणा में विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।

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रैली में नहीं जाने के बारे में पूछे जाने पर राजकुमार सैनी ने कहा कि अभी कानून अपना काम कर ही रहा था कि प्रदेश सरकार लठ तंत्र के आगे झुक गई। राज्‍य सरकार ने उन लोगों से समझौता कर लिया जिन्होंने प्रदेश को फूंकने का काम किया। रोहतक के उपद्रवियों को छोड़ने और हिंसा फैलाने जाटों पर दायर मामले वापस लेने के फैसले से भाजपा सरकार की साख को बट्टा लगा है।

उन्‍होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष है कि बिना किसी अदालती कार्रवाई व सुनवाई के उन लोगों को माफ कर दिया गया। ऐसे लोगों के सामने कानून को भी बौना बना दिया गया। ऐसी व्यवस्था से उनका कोई सरोकार नहीं है। अब पार्टी उन्हें रखे या बाहर निकाले उन्हें इसकी परवाह नहीं है। वह प्रदेश के हित में वही बोलेंगे जो सच होगा।

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बता दें कि राजकुमार सैनी काफी समय से विद्रोही मूड में हैं और राज्‍य सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। इससे मनोहर सरकार के लिए परेशानी खड़ी होती रही है। वह जाटों को आरक्षण देने के राज्‍य सरकार के फैसले का भी खुलेआम विरोध किया था। सैनी का केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह से भी टकराव होता रहा है। दोनों  नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी चलती रही है।


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