राज्यस्तरीय मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में जींद के बुजुर्गो ने दिखाया दम
ताऊ देवीलाल एथलेटिक स्टेडियम में 27-28 फरवरी को हुई 30वीं हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में खूब दम दिखाया।
जागरण संवाददाता, जींद : गांव जाजवान निवासी अजायब सिंह चहल ने पंचकूला के ताऊ देवीलाल एथलेटिक स्टेडियम में 27-28 फरवरी को हुई 30वीं हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में खूब दम दिखाया। अजायब सिंह ने 70 वर्ष से ऊपर के आयु ग्रुप में पांच किलोमीटर वाक में पहला स्थान प्राप्त करके गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने यह वाक 37 मिनट 41 सेकेंड में पूरी की। इन इवेंट में छह प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इसी तरह 1500 मीटर दौड़ नौ मिनट 18 सेकेंड में पूरी की और तीसरा स्थान हासिल किया। अब वह छत्तीसगढ़ में 23 व 24 मार्च को नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेंगे। जींद के सेक्टर-9 में रह रहे अजायब सिंह ने बताया कि वह कोरोना काल में भी घर पर नहीं रुके। रोज अलसुबह ही एकलव्य स्टेडियम में पहुंचकर छह किलोमीटर की दौड़ लगाते थे। अब भी रोज स्टेडियम में सुबह पांच से सात बजे तक प्रैक्टिस करते हैं। 70 साल से ज्यादा उम्र होने के बावजूद पूरी तरह फिट हैं। रामफल गोयत 55 प्लस ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहे
डीआरडीए से सेवानिवृत कर्मचारी जैजैवंती निवासी रामफल गोयत ने मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में 55 प्लस आयु ग्रुप में पांच किलोमीटर वाक में दूसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने 37 मिनट 47 सेकेंड का समय निकालकर यह वाक पूरी की। गोयत ने बताया कि वह रोज सुबह अजायब चहल के साथ ही एकलव्य स्टेडियम में प्रैक्टिस करते हैं। दो माह पहले दिसंबर में ही डीआरडीए से रिटायर हुए हैं। बचपन से उनकी खेलों में रूचि रही है। नौकरी के दौरान भी लगातार स्टेडियम में पसीना बहाते थे और कर्मचारियों की खेल प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेते थे। गोयत ने कहा कि इससे पहले उन्होंने जम्मू में नेशनल चैंपियनशिप में पांच किलोमीटर वाक में गोल्ड मेडल जीता था। अब वह छत्तीसगढ़ में नेशनल चैंपियनशिप में तीन प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। मैदान पर प्रैक्टिस करने का असर है कि उन्हें कभी बुखार तक नहीं आता। सभी तरह की बीमारियों से दूर हूं। 88 वर्ष की उम्र में बेलूराम ढिल्लों ने जीते तीन स्वर्ण पदक
संवाद सूत्र, नरवाना : शहर के सिंहमार मोहल्ला वासी बेलूराम ढिल्लों में अभी भी नौजवानों जैसा जोश बरकरार है। बेलूराम ने मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की तीन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते। डिस्कस थ्रो में 12.45 मीटर दूर फेंकते हुए पहला स्थान हासिल किया। शॉट पुट और जैवलिन थ्रो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीता। बेलूराम ढिल्लों ने बताया कि उनकी उम्र भले ही 88 वर्ष को पार कर चुकी है, लेकिन अभी भी वे जवान लड़कों की तरह तंदुरुस्त हैं। उन्होंने कहा कि वे सुबह चार बजे उठ जाते हैं और पार्क में जाकर योगासन करते हैं। उन्होंने कहा कि योग के कारण ही उनके पास बीमारी पास भी नहीं फटकती है। बेलूराम ने कहा कि वे इस उम्र में साइकिल चलाना भी नहीं छोड़ते, चाहे कितनी भी दूर क्यों न जाना पड़े। प्रतियोगिता में मेडल अवश्य लेकर आते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि नशा आदि को छोड़कर योग करें।