जेबीटी ईश्वर सिंह ने चार साल में बदल दी पेगां सरकारी स्कूल की सूरत
आज स्कूल का शानदार भवन है और छात्र संख्या भी 148 पर पहुंच गई है। ईश्वर सिंह को साल 2018 में राज्य शिक्षक अवार्ड मिल चुका है।
बिजेंद्र मलिक, जींद
पेगां गांव का राजकीय प्राथमिक स्कूल। जहां चार साल पहले केवल एक कमरा था और 98 बच्चे। स्कूल के नौ कमरे कंडम हो चुके थे। जेबीटी ईश्वर सिंह ने साल 2016 में यहां का चार्ज संभाला। उन्होंने स्टाफ सदस्यों महेंद्र सिंह, सुरजीत, कृष्ण, महाबीर, अंजू के साथ मिलकर स्कूल की सूरत बदलने का बीड़ा उठाया। आज स्कूल का शानदार भवन है और छात्र संख्या भी 148 पर पहुंच गई है। ईश्वर सिंह को साल 2018 में राज्य शिक्षक अवार्ड मिल चुका है। उनका लक्ष्य अगले सत्र में छात्र संख्या 200 पहुंचाने का लक्ष्य है।
स्मार्ट क्लास रूम बनाए जा रहे हैं। निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए भी गजब तरीका निकाला है। पिछले साल बड़े इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की फोटो स्टेट करवा कर पाठ्य सामग्री तैयार की गई। ताकि उनके स्कूल के बच्चे भी निजी स्कूलों की तरह इंग्लिश मीडियम पढ़ाई कर सकें। पिछले साल दूसरी व तीसरी कक्षा के पाठ्यक्रम की फोटो स्टेट करवाई गई थी। अब चौथी व पांचवीं कक्षा की भी इंग्लिश मीडियम की पाठ्य सामग्री तैयार करा रहे हैं।
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अभिभावकों की डिमांड है इंग्लिश मीडियम
स्कूल इंचार्ज ईश्वर सिंह दलाल ने बताया कि काफी अभिभावकों की डिमांड अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम पढ़ाने की रहती है। उसी को ध्यान में रखते हुए स्टाफ अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। स्मार्ट क्लास रूम तैयार कर रहे हैं। एक कमरे पर आठ से 10 हजार रुपये खर्च आएगा। इनमें एजुसेट के साथ-साथ लेजर लाइट से भी पढ़ाई होगी। दीवारों पर पाठ्य सामग्री के चार्ट लगेंगे। जिन पर लेजर लाइट मारकर शिक्षक पढ़ाएंगे और बच्चे भी लेजर लाइट से ही जवाब देंगे। -------------
स्टाफ ने रखवाया इन्वर्टर
गांवों में दिन के समय बिजली की दिक्कत रहती है। कुछ ही घंटे बिजली सप्लाई आती है। इसलिए स्मार्ट कक्षाओं के लिए इन्वर्टर भी जरूरी है। स्टाफ ने पांच-पांच हजार रुपये एकत्रित कर स्कूल में इन्वर्टर रखवा दिया है। वहीं स्मार्ट क्लास रूम भी शिक्षक खुद ही तैयार करा रहे हैं। बच्चों की सुविधा के हिसाब से दीवारों पर पाठ्य सामग्री के चार्ट सेलेक्ट किए गए हैं। अभी तो कोरोना की वजह से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। अगली साल स्मार्ट कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। -----------
नए भवन के लिए 33.86 लाख की मिली ग्रांट
स्कूल में नए कमरों के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से 33.8 लाख रुपये की ग्रांट मिली। 25 फीसद ग्रांट बाद में मिली। उस ग्रांट की राशि नहीं मिलने तक स्टाफ से डेढ़ से दो लाख रुपये एकत्रित कर काम पूरा कराया। अब स्कूल का शानदार भवन है। जिसमें पांच कमरे, एक रसोई, शौचालय है। साल 2016 में केवल एक कमरा था, जिसके चार पार्टिशन करके दो क्लास रूम, एक ऑफिस बनाया था और पानी की टंकी रखी गई थी। मिड डे मील भी हाई स्कूल में तैयार कराते थे। ------------
तैयार करा रहे स्मार्ट लाइब्रेरी
स्कूल में करीब 400 किताबें हैं। उन्हें रखने के लिए स्मार्ट लाइब्रेरी तैयार की जा रही है। इन किताबों को दीवारों पर इस तरह से रखा जाएगा, जिससे बच्चे आसानी देख सकेंगे कि कौन सी किताब कहां रखी है। ईश्वर सिंह ने साल 2014-15 में डाहौला के सरकारी स्कूल में रहते हुए वहां स्मार्ट लाइब्रेरी तैयार कराई थी। वहीं स्कूल में पौधारोपण पर भी पूरा फोकस है।