पीटीआइ हटाने के विरोध में 14 को प्रदेश भर में चलेगा जेल भरो आंदोलन
हरियाणा के कर्मचारी संगठनों ने शनिवार को जींद की धरा पर रणनीति बनाते हुए बर्खास्त 1983 पीटीआइ टीचरों के आंदोलन में कदमताल करने का ऐलान किया। जींद की महादेव धर्मशाला में आयोजित राज्य स्तरीय हरियाणा कर्मचारी संघर्ष तालमेल कमेटी की अध्यक्षता हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के राज्य प्रधान धर्मेंद्र पहलवान ने की। इनमें समिति के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान वजीर गांगोली ने 55 दिनों से चल रहे बर्खास्त पीटीआइ टीचरों के आंदोलन के बारे में विस्तार से बताया।
जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा के कर्मचारी संगठनों ने शनिवार को जींद की धरा पर रणनीति बनाते हुए बर्खास्त 1983 पीटीआइ टीचरों के आंदोलन में कदमताल करने का ऐलान किया। जींद की महादेव धर्मशाला में आयोजित राज्य स्तरीय, हरियाणा कर्मचारी संघर्ष तालमेल कमेटी की अध्यक्षता हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के राज्य प्रधान धर्मेंद्र पहलवान ने की। इनमें समिति के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान वजीर गांगोली ने 55 दिनों से चल रहे बर्खास्त पीटीआइ टीचरों के आंदोलन के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी, मास्टर वर्ग एसोसिएशन के संरक्षक सतपाल बूरा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बलबीर सिंह, हेमसा की राज्य प्रधान शर्मिला हुड्डा, शौर्यचक्र विजेता दिलबाग जाखड़, अनिल मलिक, डॉ. आरएस बेरवाल, वीरेंद्र सिंह घनघस, राजेश खर्ब, अशोक आर्य, राजेश ढांडा, सुरेश लितानी, रविद्र सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस मौके पर धर्मेंद्र पहलवान ने बताया कि सरकार की अनदेखी के कारण हरियाणा के तमाम सरकारी कर्मचारी संगठनों ने बर्खास्त पीटीआई टीचरों के समर्थन में 14 अगस्त को परिवार सहित जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा प्रस्तावित 23 अगस्त को पीटीआई भर्ती परीक्षा का बहिष्कार करने का निर्णय लिया हैं। सर्वकर्मचारी संघ के राज्यप्रधान सुभाष लांबा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में जहां 50 आदमी इकठ्ठे नहीं हो सकते, वहीं सरकार द्वारा भर्ती परीक्षा लेना बेहद गलत कदम हैं। इस दौर में परीक्षाएं लेना जान को जोखिम में डालने जैसा हैं। कितु सरकार जो रूख अपना रही है, उससे साफ है कि सत्ताधारी नेताओं की नियत में खोट हैं। राज्य वरिष्ठ उपप्रधान वजीर गांगोली ने कहा कि जब तक बर्खास्त पीटीआई टीचरों को बहाल नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यदि परिवार सहित किसी भी हद को पार करना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे। क्योंकि रोजगार के बिना उनके परिवार यूं ही बर्बादी के कगार पर खड़े है।