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रावण को जलाने के बजाय, उनकी करनी चाहिए पूजा : संजय कालवन

आदि धर्म समाज के तत्वावधान में वाल्मीकि भवन एवं छात्रावास में रावण की पूजा कर श्रदांजलि दी गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:55 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:55 AM (IST)
रावण को जलाने के बजाय,  उनकी करनी चाहिए पूजा : संजय कालवन
रावण को जलाने के बजाय, उनकी करनी चाहिए पूजा : संजय कालवन

संवाद सूत्र, नरवाना : आदि धर्म समाज के तत्वावधान में वाल्मीकि भवन एवं छात्रावास में रावण की पूजा कर उनको श्रृद्धांजलि दी गई। समाजसेवी संजय कालवन व विनोद डूमरखा ने कहा कि रावण ने अशोक वाटिका में माता सीता को सम्मान के साथ रखा। आज के दौर में बेटियों और बहनों की खुलेआम इज्जत लूटी जा रही हैं, उन्हें जिदा जलाया जा रहा है और बलात्कारी खुले आम घूम रहे है। जबकि हर वर्ष विद्वान रावण का पुतला जलाया जा रहा है। रावण संगीतकार, बुद्धिजीवी, प्रथम वैज्ञानिक व बच्चों के प्रथम डॉक्टर जिन्होंने बच्चों की बीमारियों के विषय में कुमार तंत्र नामक ग्रंथ की रचना की। महात्मा रावण को पुतले के रूप जलाने की बजाय उनकी पूजा की जानी चाहिए। इस मौके पर नरेश छातर, विनोद डूमरखा, मुकेश सुदकैन, तमन्य वाल्मीकि, सुदन फौजी, रलदू नंबरदार, सत्यवान कलौदा, सुमित हमीरगढ़, संजय बेलरखा, मा. सुभाष उपस्थित थे।

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