पंचायतें लीज पर जमीन देने को तैयार, वन विभाग अपने नाम होने पर देगा एनओसी
जागरण संवाददाता जींद जींद सीएम घोषणा के पांच साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद 17 जींद जींद गांव रामकली के पास राजा वाली गोहर जहां सड़क निर्माण होना है। जागरण
जागरण संवाददाता, जींद : जींद : सीएम घोषणा के पांच साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद राजावाली गोहर का सड़क निर्माण का रास्ता साफ नहीं हुआ है। वन विभाग से एनओसी नहीं मिल पाई है। एनओसी के लिए वन विभाग ने बीएंडआर से करीब सात एकड़ जमीन बदले में मांगी है। बीएंडआर के पास जमीन नहीं होने के कारण ये परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई। बीएंडआर ने ग्राम पंचायतों को जमीन देने के लिए पत्र लिखा है। उम्मीद की किरण यह जगी है कि ग्राम पंचायतें वन विभाग को जमीन लीज पर देने को तैयार हो गई हैं। लेकिन पंचायती राज विभाग के नियमों का हवाला देकर वन विभाग के नाम जमीन नाम कराने से इंकार कर रही है। वहीं, वन विभाग का कहना है कि जमीन लीज पर नहीं ले सकते। जमीन वन विभाग के नाम करानी पड़ेगी, तभी एनओसी मिलेगी। इस रास्ते का काफी महत्व है। जुलाना के जेजेपी विधायक अमरजीत ढांडा भी इस काम को सिरे चढ़ाने में जुट गए हैं। उनका कहना है कि कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर जल्द वन विभाग के नाम जमीन करवा दी जाएगी और सड़क निर्माण भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि 18वीं सदी में जींद रियासत के समय अपनी सीमा पर किलाजफरगढ़ गांव में राजा ने किला बनाया हुआ था। इस गोहर के जरिये वह सेना बल के साथ जींद से सीधे किलाजफरगढ़ पहुंचते थे। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में राजा द्वारा सरकार का साथ देने पर अंग्रेजों ने दादरी का इलाका भी जींद राजा के अधीन कर दिया था। उसके बाद राजा ने वाया किलाजफरगढ़ सीधे दादरी तक का रास्ता बना दिया था। सड़क के बनने से जींद से किलाजफरगढ़, रोहतक व दादरी तक का रास्ता शॉर्टकट हो जाएगा।
एक दर्जन से ज्यादा गांव की लगती है जमीन
राजा वाली गोहर किलाजफरगढ़ वाया लिजवाना-फतेहगढ़- रामकली- शामलो कलां- खेमाखेड़ी- बिरोली से होते हुए जींद पहुंचती है। 18वीं सदी में जींद रियासत के समय से कच्ची है। इस सड़क के बनने से किशनपुरा, बिरोली, अनूपगढ़, शामलो खुर्द, खेमा खेड़ी, शामलो कलां, रामकली, लिजवाला खुर्द, फतेहगढ़, अकालगढ़, हथवाला, लिजवाना कलां, किलाजफरगढ़ गांवों को फायदा होगा। वहीं, जुलाना से जींद के लिए बाईपास के रूप में भी ये सड़क काम करेगी। सीएम मनोहर लाल ने ग्रामीणों की मांग पर 23 मई 2016 को जुलाना विकास रैली में राजा की गोहर को पक्का कराने की घोषणा की थी। जींद से किलाजफरगढ़ तक करीब 28 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने पर 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह साढ़े पांच मीटर चौड़ी बननी है। इस रास्ते को पक्का कराने की मांग पिछले कई वर्षों से लोग करते रहे हैं।
पट्टे पर जमीन देने को तैयार
शामलो कलां गांव की सरपंच स्नेहलता ने बताया कि बीएंडआर का पत्र आया हुआ है। ग्राम पंचायत वन विभाग को एक एकड़ जमीन 99 साल के लिए पट्टे पर देने को तैयार है। जमीन नाम कराना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। सरकार चाहे तो कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर जमीन वन विभाग को ट्रांसफर कर सकती है। वहीं रामकली गांव के सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि रामकली ग्राम पंचायत दो एकड़ से ज्यादा जमीन पट्टे पर देने को तैयार है। लेकिन जमीन ट्रांसफर नहीं कर सकते।
जमीन करानी होगी ट्रांसफर : डीएफओ
जिला वन विभाग अधिकारी रोहताश बिरथल ने बताया कि विभाग को एनओसी देने में कोई आपत्ति नहीं है। यहां सड़क बनाने के लिए 10 हजार पेड़ों की कटाई होगी। उस जमीन के बदले करीब सात एकड़ जमीन बीएंडआर से मांगी गई है। नियमानुसार जमीन लीज पर नहीं ले सकते, विभाग के नाम जमीन ट्रांसफर करनी होगी। आसपास ही जमीन मिलना जरूरी नहीं है, प्रदेश में कहीं भी बदले में जमीन दे सकते हैं।
एनओसी मिलने पर सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी : नैन
बीएंडआर एक्सईएन नवनीत नैन ने बताया कि इस रास्ते पर जिन गांवों की जमीन है। उन ग्राम पंचायतों को वन विभाग को बदले में जमीन देने के लिए पत्र लिखा हुआ है। अगर ग्राम पंचायतें मिल कर सात एकड़ जमीन दे देती हैं, तो वन विभाग से एनओसी मिल जाएगी और उसके बाद राजा वाली गोहर पर सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
वन विभाग को जमीन दिलाकर जल्द शुरू कराएंगे सड़क निर्माण : विधायक
ये मामला मेरे संज्ञान में है। ग्राम पंचायतें जमीन देने को तैयार है। इस मामले में वन विभाग और बीएंडआर अधिकारियों से बात हो चुकी है। ग्राम पंचायतों से वन विभाग को जमीन दिलाने की कार्रवाई जल्द पूरी करने के लिए डीसी को कहा है। जल्द ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करके सड़क का निर्माण शुरू कराया जाएगा। इस सड़क के बनने से हलके के गांवों के साथ-साथ पूरे जिले को फायदा होगा।
-अमरजीत ढांडा, जेजेपी विधायक, जुलाना