विरोधी अविश्वास प्रस्ताव लाने के प्रयास में, उधर प्रधान के घर हुई पार्षदों की मीटिग
नगर परिषद में सियासी घमासान जारी है। एक तरफ जहां प्रधान पति बीजेपी नेता जवाहर सैनी और ईओ के बीच हुआ विवाद नहीं सुलझा है।
जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद में सियासी घमासान जारी है। एक तरफ जहां प्रधान पति बीजेपी नेता जवाहर सैनी और ईओ के बीच हुआ विवाद नहीं सुलझा है। वहीं ईओ के ट्रांसफर का मामला भी तूल पकड़ गया है। चार अगस्त को ट्रांसफर ऑर्डर जारी होने के बाद प्रधान पूनम सैनी जहां 10 अगस्त को ईओ को रिलीव करने की बात कह रही हैं। वहीं ईओ उनके ट्रांसफर ऑर्डर रिलीव करने की कॉपी नहीं मिलने की बात कह रहे हैं। इस खींचतान का फायदा उठाने में लगा विरोधी खेमा प्रधान समर्थित पार्षदों में सेंध लगा कर अविश्वास प्रस्ताव लाने की फिराक में है। प्रधान को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुल 31 पार्षदों में से 11 का समर्थन जरूरी है। शनिवार को नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के घर मीटिग भी हुई। जिसमें 14 पार्षद पहुंचे थे। हालांकि विरोधी खेमे का दावा है कि उनमें से कुछ पार्षद उनके पाले में आ चुके हैं। हालांकि प्रधान पूनम सैनी किसी तरह की मीटिग से इंकार करते हुए कहा कि बस रूटिन में ही पार्षद मिलने आते हैं। शनिवार को भी पार्षद आए थे और सामान्य बातचीत हुई।
बीजेपी नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई
ये लड़ाई केवल नगर परिषद तक सीमित नहीं है। बल्कि बीजेपी के जिले दो नेताओं के सरकार में प्रभाव की बात है। ईओ के ट्रांसफर ऑर्डर का पत्र जारी होने के बाद शहर में चर्चा है कि बीजेपी के पूर्व प्रदेश सचिव जवाहर सैनी का सरकार में प्रभाव अब भी पहले जैसा है। ईओ को बीजेपी विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा का समर्थन है और उन्हीं के प्रयासों से उनका जींद ट्रांसफर हुआ था। प्रधान पति व पार्षद काला सैनी से विवाद के बाद पार्षदों ने ईओ के ट्रांसफर की मांग की थी। उसके बाद चार अगस्त को ईओ के ट्रांसफर ऑर्डर जारी हो गए।