Move to Jagran APP

मंडियों में भीग रहा किसानों का पीला सोना, नमी ज्यादा होने से नहीं हो रही खरीद

दो दिनों से आंधी के साथ बूंदाबांदी होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। इससे गेहूं की कटाई का काम रुक गया है और मंडियों में पहुंचा गेहूं नमी ज्यादा होने से बिक नहीं रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:55 AM (IST)
मंडियों में भीग रहा किसानों का पीला सोना, नमी ज्यादा होने से नहीं हो रही खरीद
मंडियों में भीग रहा किसानों का पीला सोना, नमी ज्यादा होने से नहीं हो रही खरीद

जागरण संवाददाता, जींद : दो दिनों से आंधी के साथ बूंदाबांदी होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। इससे गेहूं की कटाई का काम रुक गया है और मंडियों में पहुंचा गेहूं नमी ज्यादा होने से बिक नहीं रहा है। बुधवार को भी दिनभर बादल छाए रहे और तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। मंगलवार को भी बूंदाबांदी की वजह से गेहूं की कटाई नहीं हो सकी थी और मंडियों में गेहूं भीग गया था।

loksabha election banner

बुधवार को जींद में बूंदाबांदी हुई, जबकि उचाना में बारिश से हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। निकासी न होने के कारण गेहूं की बोरियों में पानी घुस गया। बिजली नहीं होने के कारण पंप नहीं चला, जिससे पानी निकासी नहीं हुई। उचाना मार्केट कमेटी के सचिव जोगिद्र के अनुसार मौसम खराब होने की दो दिन पहले सूचना से आढ़तियों को तिरपाल से गेहूं ढकने के आदेश दिए गए थे, ताकि बारिश आने पर गेहूं खराब न हो। मंडी में पानी निकालने के लिए जनरेटर चलाया गया। तब तक हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। बोरियों में भरा गेहूं खरीद एजेंसी का है, जबकि खुले में पड़ा जो गेहूं भीगा है, उससे किसानों को नुकसान होगा। मौसम को देखते हुए कुछ किसान आनन-फानन में गेहूं कटवाकर मंडी ला रहे हैं, लेकिन नमी ज्यादा होने के कारण फसल नहीं बिक रही। बुधवार को जींद नई अनाज मंडी में आए गेहूं में नमी 20 प्रतिशत थी, जबकि 12 पतिशत नमी की गेहूं खरीदी जा रही है।

-------------------

नहीं हो रही खरीद

फोटो : 10

नरवाना में मौसम के बदलते मिजाज के कारण किसानों के माथे पर चिता की साफ लकीरें देखी जा सकती हैं। किसान मंडियों में गेहूं बेचने के लिए आया हुआ है और मंडियों में खुले में गेहूं पड़ा है। बारिश में गेहूं भीगने के कारण नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिस कारण एजेंसियां अधिक नमी के कारण गेहूं को खरीद नहीं करती। नरवाना में मेला मंडी, कपास मंडी के अलावा धमतान साहिब, गढ़ी, धनौरी, बरटा, बेलरखां, दनौदा, फरैण कलां, खरल, मंगलपुर, फुलियां, सुदकैन और उझाना में सब परचेज सेंटर बनाये हुए हैं। नरवाना को छोड़कर कहीं भी एजेंसी ने खरीद नहीं की है। नरवाना में हैफेड ने 59 हजार 195 क्विंटल गेहूं खरीदा है। डीएफएससी ने 32 हजार 220 क्विंटल गेहूं खरीदा है।

-----------------

खरीदा 65 हजार क्विंटल गेहूं

उचाना : कस्बे में अब तक 65 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। मंडी में हैफेड, वेयर हाउस और डीएफएससी और गेहूं की खरीद अलग-अलग दिनों में खरीदी जा रही है। मार्केट कमेटी सचिव जोगिद्र सिंह ने बताया कि 12 प्रतिशत तक नमी वाली गेहूं की फसल खरीदी जा रही है हर साल मंडी में गेहूं के सीजन में जाम से परेशानी होती है। मंडी के आस-पास गोदामों, खाली प्लॉटों, खेतों में गेहूं की फसल किसान उतारते है। एक साथ गेहूं की आवक होने से मंडी में स्पेश फड़ों पर कम रह जाता है। हाईवे पर अतिरिक्त मंडी में इस बार गेहूं की फसल उतारे जाने से मंडी में जाम की स्थिति नहीं होगी। किसानों को भी अपनी फसल उतारने के लिए जगह कम नहीं पड़ेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.