गोद लिए गांवों में सीआएसयू गोबर से लकड़ी बनाएगा
सीआरएसयू की उन्नत भारत इकाई ने गोद लिए गए किशनपुरा व अशरफगढ़ का दौरा किया। नोडल अधिकारी डा. अनुपम भाटिया ने बताया कि गांवों में गोबर की समस्या ज्यादा है।
जागरण संवाददाता, जींद : सीआरएसयू की उन्नत भारत इकाई ने गोद लिए गए किशनपुरा व अशरफगढ़ का दौरा किया। नोडल अधिकारी डा. अनुपम भाटिया ने बताया कि गांवों में गोबर की समस्या ज्यादा है। गोबर को नालियों में बहा दिया जाता है। जिससे नालियां बंद हो जाती हैं तथा पानी की निकासी सही तरह से नहीं हो पाती। गोबर के उपयोग से युवाओं द्वारा स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए डीसी को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें गोबर से लकड़ी बनाने का प्रस्ताव है। इस लकड़ी को ईंधन के लिए भट्ठियों, अंतिम संस्कार में प्रयोग किया जा सकता है। पौधों की नर्सरी के लिए गोबर और मिट्टी को मिलाकर गमले बनाना, जिससे पोलीथिन और प्लास्टिक का प्रयोग न्यूनतम किया जा सकता है। इससे प्रदूषण को कम किया जा सकता है। भाटिया ने राजकीय विद्यालय किशनपुरा के अध्यापकों व ग्रामीणों को उन्नत भारत योजना के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशनपुरा गांव को एक आदर्श गांव बनाया जाएगा, जिसमें स्वच्छता, आत्मनिर्भर युवा, जैविक खेती और साक्षरता मुख्य विषय रहेंगे। गांव में जो गंदा तालाब है, उससे गंदे पानी की निकासी के लिए प्रशासन से बातचीत की जाएगी। इस स्थान को स्वच्छ जल से भरा जाएगा। खाली स्थान पर पार्क का निर्माण किया जाएगा।
पार्क व खेल मैदान बनाए जाएंगे
विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई आने वाले समय में गोद लिए गांव के विद्यालय में खाली स्थान पर पार्क बनाएगी। बच्चों के खेलने के लिए खेल के मैदान बनाए जाएंगे। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के पांडू पिडारा और बिशनपुरा विद्यालयों के अनुभवों को भी साझा किया। इस मौके पर योग आचार्य डा. वीरेंद्र कुमार व भूगोल विज्ञान के डा. सतेंद्र मलिक ने पौधारोपण किया। अशरफगढ़ गांव में भी तालाबों की स्थिति का जायजा लिया।