पीएमएवाइ में रिश्वत का मामला : सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने के आदेश, तत्कालीन ईओ व जेई पर भी होगी कार्रवाई
नगर परिषद नरवाना में पीएमएवाइ की किस्त जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक ने सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
संवाद सूत्र, नरवाना : नगर परिषद नरवाना में पीएमएवाइ की किस्त जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक ने सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं जिला नगर आयुक्त को तत्कालीन ईओ और जेई के दोष सहित उनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई अनुमोदित कर एक सप्ताह के अंदर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को 2.50 लाख रुपये की राशि मिलती है। जिसके लिए पहली व दूसरी किस्त एक-एक लाख रुपये तथा तीसरी किस्त 50 हजार रुपये दी जाती है। नरवाना नगर परिषद में फार्म भरने के बाद कई लाभार्थी परिवारों से नक्शा पास करवाने तथा पहली किस्त जारी करने के नाम पर हजारों रुपये ले लिये गये। इसके बावजूद उनको किस्त की राशि नहीं मिली। उन्होंने पक्का मकान बनाने के लिए कच्चा मकान भी तोड़ दिया।
पीड़ित परिवार बैठ गए थे धरने पर
लाभार्थियों को पीएम आवास योजना की किस्तें दिलवाने और सर्वेयर द्वारा रिश्वत लेने के मामले में भ्रष्टाचार विरोधी मंच के कार्यकर्ता सुशील शास्त्री के नेतृत्व में लोगों ने 26 अगस्त को नायब तहसीलदार और डीएसपी को कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा था। लेकिन ज्ञापन सौंपने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़ित परिवारों ने एक सितंबर को खादी चौक पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जिला नगर आयुक्त डा. सुशील कुमार के संज्ञान में ये मामला आया, तो उन्होंने पांच सितंबर को धरने को समाप्त करवाकर सर्वेयर और दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।
नायब तहसीलदार के समक्ष बयान दर्ज हुए
कई दिन बीत जाने के बाद पीड़ित परिवार और भ्रष्टाचार विरोधी मंच के कार्यकर्ता कार्रवाई नहीं होने पर 12 सितंबर को शहर थाना प्रभारी से मिले, तो उन्होंने बताया कि नगर परिषद द्वारा पुलिस को पूरे कागजात नहीं दिए गए हैं। जब नगरपरिषद ये सब दस्तावेज उपलब्ध करवाएगी, तो मामला दर्ज हो जाएगा। इसके बाद पीड़ित परिवारों ने 17 सितंबर को नायब तहसीलदार (लेखा) के समक्ष बयान दर्ज करवाए। बयान दर्ज करवाने के बाद एसडीएम के आदेश पर एमई ने जांच रिपोर्ट तैयार करवाकर जिला नगर आयुक्त को भेजी। जांच में पाया गया कि सर्वेयर ने गड़बड़ी की है और तत्कालीन ईओ व जेई ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जिससे उनकी लापरवाही सामने आई। जिला नगर आयुक्त ने कार्रवाई करने को लेकर शहर स्थानीय निकाय विभाग रिपोर्ट भेज दी थी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के निर्देश
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक द्वारा जिला नगर आयुक्त के 17 और 28 सितंबर के पत्र के संदर्भ में कहा कि भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी सर्वेयर के खिलाफ नगर परिषद नरवाना की तरफ से एफआइआर दर्ज करवाई जाए। वहीं दोषी ईओ व जेई के नाम सहित तथा उनके दोष विवरण सहित उनके विरूद्ध की जाने वाली कार्रवाई अनुमोदित कर एक सप्ताह में उनके कार्यालय भेजें। एमई सुमित कंदौला ने बताया कि नगर परिषद द्वारा सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने के लिए शिकायत पहले ही दी जा चुकी है। वहीं इस मामले में कार्यकारी अधिकारी व कनिष्ठ अभियंता पर कार्रवाई के लिए अभी पत्र मिला है। शहर थाना नरवाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि नगर परिषद की तरफ से सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए पत्र नहीं मिला है। पत्र मिलने के बाद सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी।
जल्द भेजी जाएगी रिपोर्ट
नरवाना नगर परिषद के मामले की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी। महानिदेशक ने सर्वेयर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं तत्कालीन ईओ और जेई कौन थे, उनके दोष विवरण सहित की जानी वाली कार्रवाई अनुमोदित कर भिजवाने के लिए कहा है। नगर परिषद नरवाना से रिकार्ड मंगवा कर रिपोर्ट तैयार कर जल्द भेजी जाएगी।
डा. सुशील कुमार, जिला नगर आयुक्त