मांगें नहीं मानी तो प्रदेश स्तरीय रैली कर होगा बड़े आंदोलन का आगाज
नौकरी से निकाले गए शारीरिक शिक्षकों का मंगलवार को अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया।
जागरण संवाददाता, जींद : नौकरी से निकाले गए शारीरिक शिक्षकों का मंगलवार को अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। धरने पर बैठे अध्यापकों ने ऐलान किया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो, वह प्रदेश स्तरीय रैली का आयोजन कर बड़े आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। इस दौरान शिक्षकों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की।
क्रमिक अनशन की अगुवाई शारीरिक शिक्षक संघ संघर्ष समीति के राज्य उपप्रधान वजीर गंगोली ने की जबकि अनशन पर बैठने वालों में राकेश, राजकुमार, योगेंद्र, विकास, सरिता, रमेश, आशा, सरोज, निर्मला, कविता, पूजा, रोशनी, रानी, ममता व रेणु शामिल रहे। धरने को समर्थन देने के लिए जींद ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन के संदीप अहलावत, जिला प्रधान राजेश जैजैवंती, ईंटल खुर्द के सरपंच विकास बूरा, कैरखेड़ी के सरपंच राजेंद्र व किसान नेता फूल सिंह श्योकंद धरना स्थल पर पहुंचे। वजीर गंगोली ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार नौकरी से निकाले गए शिक्षकों के मामले में कोर्ट की अवमानना कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 8 अप्रैल के आदेश में लॉकडाउन के दौरान पांच महीने का समय दिया था लेकिन हरियाणा सरकार ने 1983 शिक्षकों को पहले ही निकाल दिया है। चूंकि उनकी भर्ती कांग्रेस के कार्यकाल में हुई थी, इसलिए सरकार राजनीतिक दमन चक्र चला रही है। 15 जून से उन्होंने क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। सभी अध्यापकों के दस्तावेजों की पड़ताल की जा चुकी है, जो सही पाए गए हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो इन अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार न करे। इसके बाद रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा को मांगों का ज्ञापन सौंपा।