खेत में पराली जली तो जमीन मालिक के खिलाफ होगी कार्रवाई
जिले में पराली जलाने की रोकथाम करने के लिए प्रशासन ने सभी प्रबंध पूरे कर लिए हैं। निगरानी रखने के लिए हर गांवों में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां भी निर्धारित कर दी हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी पराली जलाने पर तुरंत कार्यवाही अमल में लाएं।
जागरण संवाददाता, जींद: जिले में पराली जलाने की रोकथाम करने के लिए प्रशासन ने सभी प्रबंध पूरे कर लिए हैं। निगरानी रखने के लिए हर गांवों में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां भी निर्धारित कर दी हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी पराली जलाने पर तुरंत कार्यवाही अमल में लाएं। जिस खेत में पराली जलने की घटना घटती है तो जमीन के मालिक के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
तहसीलदार मनोज अहलावत ने डीआरडीए के सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिलाधीश डॉ. आदित्य दहिया ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर जिले में पराली नहीं जलने दी जाएगी। ऐसी घटनाओं की रोकथाम को लेकर जिलाधीश ने धारा-144 भी लागू कर दी है। राष्ट्रीय हरित न्याय प्राधिकरण तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी पराली जलने की घटनाओं को गम्भीरता से लिया है और इन घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए कहा है। जिले में उनके आदेशों की हर हाल में पालना सुनिश्चित करते हुए पराली को नहीं जलने दिया जाएगा। तहसीलदार ने बताया कि खेत के मालिकों से कहा है कि वे जमीन पर पराली को न जलने दें। जमीन ठेके पर दी हुई है तो ठेके पर लेने वाले किसान को भी पराली न जलाने बारे कहें। उन्होंने ग्राम सचिवों, पटवारियों एवं कृषि विभाग के कर्मियों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में इस बात को किसानों तक भी पहुंचाएं और पराली जलने से मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव बारे भी जागरूक करें।
बिना एसएमएस वाली कंबाइन होंगी जब्त
तहसीलदार ने ग्राम सचिवों, पटवारियों व कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे गांवों में पूरी नजर बनाए रखें ताकि कोई भी कम्बाइन बिना एसएमएस उपकरण के धान की फसल की कटाई नहीं कर पाए। कोई कम्बाईन बिना एसएमएस के कटाई करती पाई जाती है तो उस तुरंत जब्त करें। सरपंच व नंबरदारों से बातचीत कर पराली नहीं जलाने बारे चौकीदारों के माध्यम से मुनादी करवाएं। बैठक में उपमंडल कृषि अधिकारी डा. बलजीत सिंह, तकनीकी सहायक डा. दलबीर सिंह, खंड कृषि अधिकारी डा. सूरजमल, डा. यशपाल व कई संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।