Move to Jagran APP

हैफेड ने खरीदी 12 करोड़ से अधिक की पीआर धान

आठ दिसंबर को पीआर धान की सरकारी खरीद बंद हो गई है। उचाना मंडी में हैफेड खाद्य आपूर्ति विभाग एफसीआई ने पीआर की खरीद की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 06:10 AM (IST)
हैफेड ने खरीदी 12 करोड़ से अधिक की पीआर धान
हैफेड ने खरीदी 12 करोड़ से अधिक की पीआर धान

संवाद सूत्र, उचाना : आठ दिसंबर को पीआर धान की सरकारी खरीद बंद हो गई है। उचाना मंडी में हैफेड, खाद्य आपूर्ति विभाग, एफसीआई ने पीआर की खरीद की। खरीद के मामले में हैफेड सबसे आगे रही। 33 हजार 52 क्विंटल पीआर धान की खरीद मंडी में हैफेड ने की। पहली बार पीआर धान का परचेज सेंटर बने मंगलपुर में हैफेड ने 30 हजार 965 क्विंटल पीआर की खरीद की। खरीद के साथ-साथ उठान प्रक्रिया बेहतर रहने पर आढ़तियों, किसानों को किसी तरह की परेशानी फसल के सीजन में नहीं हुई।

loksabha election banner

इस बार पीआर धान का भाव 1888 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित सरकार ने किया था। हैफेड ने 12 करोड़ 8 लाख 65 हजार की पीआर धान खरीदी। किसान रामचंद्र, शमशेर, संदीप, राममेहर ने कहा कि पीआर की खरीद को लेकर मंगलपुर में पहली बार परचेज सेंटर पीआर का बनाया गया। मंडी, मंगलपुर में पीआर की खरीद में किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आई। 1888 रुपये प्रति क्विंटल के भाव किसानों को मिले। उठान भी जल्दी होने पर पेमेंट से लेकर हर तरह की प्रक्रिया बेहतर सीजन में रही। आढ़ती जितेंद्र श्योकंद, ओमदत्त, रमेश गर्ग ने कहा कि हैफेड द्वारा खरीद के दौरान किसी तरह की परेशानी परचेज सेंटर, मंडी में नहीं आने दी गई। गेहूं के सीजन में भी हैफेड का कार्य सराहनीय रहा था। हैफेड मैनेजर संदीप पूनिया ने कहा कि मंगलपुर परचेज सेंटर के अलावा मंडी में भी किसी तरह की परेशानी किसानों को खरीद के दौरान नहीं आने दी गई। उठान, खरीद प्रक्रिया बेहतर किसानों को दी गई। मंडी में खरीद के मामले में हैफेड सबसे आगे रही। दो लाख क्विंटल से ऊपर आई कपास

संवाद सूत्र, उचाना : बीते कुछ दिनों से मंडी में कपास की आवक बढ़ने से इस बार बीते साल की अपेक्षा अधिक कपास मंडी पहुंची है। मंगलवार तक 2 लाख 8 हजार 740 क्विंटल कपास आ चुकी है। बीते साल अब तक 1 लाख 89 हजार 199 क्विंटल कपास मंडी आई थी। भाव भी 5400 रुपये प्रति क्विंटल के आस-पास किसानों को मिल रहे है। अभी कुछ किसान कपास को इसलिए भी नहीं बेच रहे है क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में भाव बढ़ने की उम्मीद है, गेहूं की बिजाई में भी किसान लगे हैं।

किसान बिजेंद्र, मनोज, राजेंद्र, सुशील ने कहा कि इस बार कपास की आवक फसल में आई बीमारी से प्रभावित हुई है। उत्पादन अधिक होने की उम्मीद थी लेकिन उत्पादन बीते साल से कम हुआ है। जो भाव मिल रहे हैं वो बीते साल के आस-पास के किसानों को मिल रहे हैं। भाव बढ़ने की उम्मीद किसानों को है। मार्केट कमेटी सचिव सतबीर सिंह ने कहा कि किसानों को किसी तरह की परेशानी खरीद में नहीं आने दी जा रही है। बीते साल से अधिक कपास अब तक मंडी पहुंच चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.