सरकारी स्कूलों पर निजी स्कूलों के छात्रों का डाटा चोरी करने का आरोप
प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में जींद प्राइवेट स्कूल संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप जिला शिक्षा अधिकारी से मिला।
जागरण संवाददाता, जींद : प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में जींद प्राइवेट स्कूल संघ का प्रतिनिधिमंडल जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और उप जिला शिक्षा अधिकारी से मिला। प्रदेशाध्यक्ष ने सरकारी स्कूलों पर प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआइएस) से प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों का डाटा चोरी करने का आरोप लगाया।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगर सात दिन के अंदर संबंधित अधिकारी व सरकारी स्कूलों के मुखिया चोरी किए हुए डाटा को वापस नहीं करते या उन सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों से निजी स्कूलों को छोड़ने का प्रमाण पत्र नहीं मंगवाते हैं, तो सभी अधिकारी व कर्मचारी कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जल्द ही वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस दिलाया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो वे इस बारे में उन सभी कर्मचारियों के खिलाफ साइबर क्राइम के तहत पुलिस विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाएंगे। छह जुलाई को इस बारे में शिक्षा मंत्री से भी मिलकर मांग रखेंगे कि जब सभी को लाकडाउन में छूट दे दी गई, तो केवल स्कूल ही क्यों बंद हैं। स्कूलों को भी जल्द खोला जाए। ताकि बच्चों की पढ़ाई का और अधिक नुकसान नहीं हो। डीईईओ और डिप्टी डीईओ ने आश्वासन दिया कि वे जल्दी ही डायरेक्टर कार्यालय से जानकारी लेकर सभी सरकारी स्कूल मुखियाओं से उन सभी विद्यार्थियों के निजी स्कूलों से स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र मंगवाएंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ उप प्रधान वजीर ढांडा, प्रदेश महासचिव दलशेर लोहान, जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा, राजेश गौतम, बलबीर, भूरा सिंह गर्ग, सुरेंद्र, सतीश मलिक, विवेक डागर, ऋतिक लोहान, सुरेश सहारण, मनोज शर्मा, महेंद्र शर्मा, सुखबीर लोहान, वीरेंद्र ढिल्लों शिवनारायण शर्मा उपस्थित रहे।
आइटी सेल ने की छेड़छाड़
स्कूल संचालकों ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूल संचालाकों के साथ भद्दा मजाक किया है। मार्च 2020 में एमआइएस पोर्टल के साथ शिक्षा विभाग के आइटी सेल ने छेड़छाड़ कर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के नाम काटकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ जोड़ दिए। इसके लिए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन 24 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मिली। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि बिना एसएलसी के बच्चों का दाखिला किसी भी स्कूल में नहीं हो। इसके बाद पोर्टल बंद किया गया। शिक्षा विभाग ने दोबारा से पोर्टल खोल कर प्राइवेट स्कूल के लाखों बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवा दिया।