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मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसानों के पास नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

नारनौल से कुरुक्षेत्र तक बनने वाले नेशनल हाईवे 152-डी के भूमि अधिग्रहण मुआवजे के लिए नौ गांवों के किसानों का धरना जींद-रोहतक मार्ग पर किलाजफरगढ़ गांव के पास बृहस्पतिवार को नौवें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:08 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:08 AM (IST)
मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसानों के पास नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसानों के पास नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

संवाद सूत्र, जुलाना : नारनौल से कुरुक्षेत्र तक बनने वाले नेशनल हाईवे 152-डी के भूमि अधिग्रहण मुआवजे के लिए नौ गांवों के किसानों का धरना जींद-रोहतक मार्ग पर किलाजफरगढ़ गांव के पास बृहस्पतिवार को नौवें दिन भी जारी रहा। धरने में किलाजफरगढ़, बूढ़ा खेड़ा, अकालगढ़, लजवानां कलां, फतेहगढ़, लजवानां खुर्द, सिरसा खेड़ी नंदगढ़, हथवाला गांवों के किसानों ने भाग लिया। धरने की अध्यक्षता रामकिशन शर्मा ने की।

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धरने का समर्थन करने के लिए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के प्रभारी अशोक बल्हारा पहुंचे। बल्हारा ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन को कम रेटों पर अधिग्रहण कर किसानों के साथ अन्याय कर रही है। किसान जमीन के सहारे ही परिवार का पेट पालता है। सरकार किसानों को कम रेट देकर लॉलीपॉप देने का काम कर रही है। समिति किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। समिति द्वारा गांव में घर घर जाकर लोगों को एकत्रित करने का काम किया जाएगा। लोगों को धरने पर बुलाकर सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय से अवगत कराया जाएगा। समिति के जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र जागलान ने कहा कि सरकार एक और तो किसान हितैषी होने का दावा कर रही है वहीं किसानों के साथ कुठाराघात कर रही है। नौ दिन बीत जाने के बाद भी कोई सरकार का नुमाइंदा भी किसानों की सुध लेने नही पहुंचा है। इस मौके पर समिति के जिला उपाध्यक्ष कैप्टन वेदप्रकाश, महासचिव रामकरण दलाल, जयपाल जुलानी, कोषाध्यक्ष मास्टर जगमेंद्र सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे।


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