किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है सरकार की अनदेखी : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव उझाना में पहुंच कर किसान किताब सिंह चहल को श्रद्धांजलि दी।
संवाद सूत्र, नरवाना : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव उझाना में पहुंच कर किसान किताब सिंह चहल को श्रद्धांजलि दी। नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद के दौरान गांव उझाना के पास धरने पर बैठे किताब सिंह की मौत हो गई थी। हुड्डा ने किताब सिंह के परिवार को ढाढस बंधाया और कहा कि दुख की इस घड़ी में वो परिवार के साथ हैं। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने प्रदेश सरकार से आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और एक-एक सरकारी नौकरी देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकार की अनदेखी लगातार जानलेवा साबित हो रही है। धरना स्थल पर किसान अपनी जान गंवा रहे हैं। लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। अपना घर छोड़कर जायज मांगों के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को खुले आसमान के नीचे बैठे करीब तीन हफ्ते हो चुके हैं। सरकार आंखें बंद किए बैठी है। एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी किसानों का अधिकार है। साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। किसान स्वार्थ के लिए आंदोलन में नहीं गए हैं, बल्कि किसान कौम के लिए गए हैं। सरकार द्वारा विपक्ष का आंदोलन कहने के जवाब में हुड्डा ने कहा कि हमारा किसानों को समर्थन हैं, हम नेतृत्व नहीं कर रहे हैं। राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाएं, हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। पता लग जाएगा, कौन किसानों के साथ है और कौन खिलाफ है। इस अवसर पर समालखा से विधायक धर्मसिंह छौक्कर, सफीदों से विधायक सुभाष गांगोली, विद्यारानी दनौदा, दरवेश पूनिया, मनदीप दनौदा, संजीव कल्याण, जस्सी झील, धर्मेंद्र ढुल, रणधीर सिंह मौजूद थे।