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गीता जयंती महोत्सव पर पंचगव्य उत्पाद से बनाए जाएंगे पांच लाख दीपक

इस बार गीता जयंती पर पंचगव्य उत्पाद से पांच लाख दीपक बनाने का निर्णय लिया गया है। जिनकी रोशनी प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 05:59 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 05:59 AM (IST)
गीता जयंती महोत्सव पर पंचगव्य उत्पाद से बनाए जाएंगे पांच लाख दीपक
गीता जयंती महोत्सव पर पंचगव्य उत्पाद से बनाए जाएंगे पांच लाख दीपक

जागरण संवाददाता, जींद : इस बार गीता जयंती पर पंचगव्य उत्पाद से पांच लाख दीपक बनाने का निर्णय लिया गया है। जिनकी रोशनी प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में होगी। इसके साथ-साथ हरियाणा गो सेवा आयोग द्वारा प्रदेश की सभी गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने व गोवंश की नस्ल सुधारने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। यह बात हरियाणा गो-सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने स्थानीय निजी होटल में हरियाणा गो सेवा आयोग के सदस्यों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर गो सेवा आयोग के सचिव डा. कल्याण सिंह, उप चेयरमैन विद्या सागर बागला, सदस्य डा. राज सैनी, गौरव कुमार, कुलबीर खर्ब, पूर्णमल यादव, राजेश धनखड़, राजेंद्र बंसल, संत शर्मा व सुरेश कुमार मौजूद रहे।

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श्रवण गर्ग ने कहा कि गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए आयोग द्वारा सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। गोशालाओं में दीपक, खाद, गो अर्क, दही आदि पंचगव्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं। ये सभी पंचगव्य उत्पाद दीवाली पर बनाए गए थे ,जिनकी बाजार में काफी मांग हुई थी। जैविक खाद व पंचगव्य उत्पादन से गोशालाएं बनेगी आत्मनिर्भर : श्रवण गर्ग

संवाद सूत्र, सफीदों : उपमंडल के गांव हाट में श्रीहटकेश्वर फाउंडेशन द्वारा स्थापित पंचगव्य चिकित्सा व जैविक खाद उत्पाद केंद्र का सोमवार को उद्घाटन किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग व विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व एसडीएम वीरेंद्र सांगवान ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता फाउंडेशन के अध्यक्ष सुनील हाट ने की। केंद्र में महात्मा बुद्ध की प्रतिमा की भी स्थापना की गई और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि गोमूत्र और गाय के गोबर से बनने वाली जैविक खाद से खेती में तो इजाफा होगा ही इसके साथ-साथ गोशालाएं भी आत्मनिर्भर बनेंगी। मिट्टी में पौधों के लिए जरूरी तत्व पहले से ही मौजूद होते हैं, लेकिन उन्हे गाय के गोबर और गोमूत्र से बनी जैविक खाद से सक्रिय किया जा सकता है। जैविक खाद जमीन की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखती है। जैविक खाद से पैदा होने वाली सब्जियां और फसल रासायनिक खाद के मुकाबले स्वास्थ्यवर्धक होती है। पूर्व एसडीएम वीरेंद्र सांगवान ने कहा कि आज दिनों-दिन बीमारियां फैलती जा रही हैं। बीमारियों की रोकथाम के लिए किसानों जैविक खेती को अपनाना होगा।


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