बॉलीवुड में हरियाणा के छोरे का 'पटाखा' से धमाका, 2 को अभिषेक परिवार के साथ देखेंगे फिल्म
मायानगरी मुंबई में 15 साल से संघर्ष कर रहे जींद के अभिषेक दूहन की मेहनत रंग लाई है। उन्होंने हिंदी फिल्म पटाखा में लीड रोल निभाया है।
जींद [कर्मपाल गिल]। मायानगरी मुंबई में 15 साल से संघर्ष कर रहे जींद के अभिषेक दूहन की मेहनत रंग लाई है। सुलतान फिल्म में पतंग रेस में सलमान खान को हराने वाले अभिषेक ने पहली बार हिंदी फिल्म 'पटाखा' में लीड रोल निभाते हुए धमाका किया है। शुक्रवार को फिल्म देशभर में रिलीज हो गई। अभिषेक के अभिनय को खूब सराहा गया है। अब वह 2 अक्टूबर को जींद के मल्टीप्लेक्स में परिजनों के साथ फिल्म देखेंगे।
जिले के गांव बहबलपुर निवासी अभिषेक दूहन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उन्हें पहली बार पटाखा फिल्म में मुख्य किरदार निभाने का मौका मिला है। फिल्म में वह अभिनेत्री दंगल गर्ल सान्या मल्होत्रा के अपोजिट हैं। उनके करेक्टर का नाम विष्णु है, जो फौजी है।
वह सान्या के अंग्रेजी शिक्षक हैं और उसे प्रेम भी करते हैं। सान्या की एक बहन भी है, जिनकी आपस में खूब तकरार होती है। फिल्म में गांव के सादे-भोले लोगों की जिंदगी दिखाई है। डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने फिल्म के सभी किरदारों को शानदार ढंग से पिरोया है। पूरी फिल्म खूब हंसाती भी है, रूलाती भी है और गुदगुदाती भी है।
यहां तक पहुंचने के लिए किया लंबा संघर्ष
अभिषेक ने बताया कि जब वह 2003 में मुंबई आए तो काम के लिए सभी निर्माता-निर्देशकों के पास गए। कहीं से रिस्पांस नहीं मिला। आखिरकार नादिरा बब्बर के साथ थियेटर में काम किया। वहां नींव मजबूत होने के बाद टीवी शो शुभ विवाह में मुख्य भूमिका निभाई। सपना तो फिल्मों में काम करना था, इसलिए 2014 में साजिद नाडियाडवाला के साथ किक फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्ट की भूमिका निभाई। इसके बाद 2016 में तेरा सुरूर में मुख्य विलेन और सुलतान में टीटू का किरदार निभाया। गोलमाल में रोहित शेट्टी के साथ क्रिएटिव असिस्टेंट डायरेक्टर की भूमिका निभाई।
यह मेरे घरवालों की कामयाबी
अभिषेक दूहन ने कहा कि जब वह मुंबई गए तो घर के जो सदस्य जवान थे, अब उनकी जिंदगी के 15 साल निकल गए हैं। उनकी मेहनत के पीछे घर वालों का बड़ा संघर्ष रहा है। पिता यशपाल दूहन और चाचा ओमपाल दूहन का हर समय साथ मिला।