राजनीति को रणनीति से हराएंगे किसान: पालवां
खटकड़ टोल पर किसानों का लगातार 66वें दिन भी धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता जगदीश भौंसला ने की।
संवाद सूत्र, उचाना : खटकड़ टोल पर किसानों का लगातार 66वें दिन भी धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता जगदीश भौंसला ने की। वक्ताओं ने विभिन्न गांवों से पहुंचे किसानों को तीनों कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। वक्ताओं ने कहा कि तीनों कानूनों से खेती खत्म हो जाएगी। सरकार अगर किसानों की हितैषी है तो तीनों कृषि कानूनों को रद करे, एमएसपी पर कानून बनाए।
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि राजनीति को किसान रणनीति से हराएंगे। अब किसान समझदार हो गया है। राजनीति को हराने के लिए किसानों ने रणनीति बना ली है। वो आंदोलन में संयम, अनुशासन रखेंगे। 90 दिन से अधिक समय दिल्ली के बॉर्डरों पर धरना देते हुए किसानों को हो चुका है। सरकार की सोच है कि गेहूं के सीजन में किसान धरना छोड़ कर चले जाएंगे। किसानों ने रणनीति बना ली है कि वो अलग-अलग दिनों में गांव से अलग-अलग लोगों को भेजेंगे। किसान रात को गेहूं की कटाई करेगा तो दिन में धरनों पर बैठेगा।
सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि किसान खेतों में खड़ी गेहूं की फसल की जुताई न करें। यह लड़ाई खेती को बचाने की है, न कि नष्ट करने की है। इसलिए किसान फसल को नष्ट न करे, बल्कि फसल को पकने दें। सरकार कब तक हठ करती है, ये किसान देखना चाहते हैं। किसान मन बना चुके हैं कि तीनों कृषि कानूनों को रद करवाकर ही वो वापस घर लौटेंगे। इन तीनों कानून की सबसे पहली बार किसान पर नहीं, बल्कि गरीब आदमी पर पड़ेंगी। किसान पर इसकी मार सबसे आखिरी में पड़ेंगी। यह लड़ाई अकेले किसान की नहीं, बल्कि सही मायनों में गरीब की लड़ाई है। मौके पर कैप्टन भूपेंद्र, बिजेंद्र सिधु, जयप्रकाश खटकड़, अमरजीत खटकड़, मेवा, रामनिवास, नवीन, राकेश, राजपाल जुलानी, नरेश भौंसला, होशियार सिंह, सिक्किम सफा खेड़ी, पनमेर्श्वरी, कृष्णा, बिरखा राम, ज्ञानी कामरेड मौजूद रहे।