Move to Jagran APP

किसानों ने जलाई तीन कृषि कानूनों की प्रतियां

संवाद सूत्र नरवाना बदोवाल टोल प्लाजा पर धरना लगातार जारी है। धरने पर कई गांवों के किसा

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Mar 2021 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 29 Mar 2021 09:30 AM (IST)
किसानों ने जलाई तीन कृषि कानूनों की प्रतियां
किसानों ने जलाई तीन कृषि कानूनों की प्रतियां

संवाद सूत्र, नरवाना : बदोवाल टोल प्लाजा पर धरना लगातार जारी है। धरने पर कई गांवों के किसान पहुंचकर सरकार के प्रति अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। वहीं होलिका दहन के दिन धरने पर काफी संख्या में किसान पहुंचे। किसानों ने होलिका का दहन करने के बजाय तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार के प्रति रोष प्रकट किया। अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य मास्टर बलबीर सिंह ने कहा कि होलिका दहन के दिन होलिका जलाकर बुराइयों का अंत किया जाता है, लेकिन किसानों के लिए तीन कृषि कानून ही होलिका बन गए हैं, इसलिए इनकी प्रतियां जलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि होली का पर्व किसानों द्वारा न मनाने का फैसला लिया गया है, क्योंकि देश में 300 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। जिसके लिए किसानों द्वारा काली होली मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बद्दोवाल टोल प्लाजा पर होली के पर्व पर न तो सभा की जाएगी और न लंगर की व्यवस्था होगी। वहां केवल बुजुर्ग व्यक्ति ही धरनास्थल पर इकट्ठे होंगे। इस अवसर पर महेंद्र बडनपुर, सुनील बदोवाल, डॉ. रामचंद्र, रणधीर मोर, होशियार खरल, सुभाष लांबा मौजूद रहे।

loksabha election banner

------------------

किसानों ने चालान काट रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को घेरा

दिल्ली-पटियाला हाइवे पर गांव बेलरखां के पास ट्रैफिक पुलिस द्वारा आने-जाने वाहनों के चालान काटे जा रहे थे। बद्दोवाल टोल धरने से गांव खरल के दो ट्रालियों में महिलाएं व पुरुष जब अपने गांव जा रहे थे। उन्होंने जब ट्रैफिक पुलिस को चालान काटते देखा, तो उनके द्वारा मौके पर ट्रालियां रोक ली गई। किसानों द्वारा ट्रैफिक पुलिस का घेराव कर लिया गया। किसानों का कहना था कि किसानों को धरने पर आना-जाना पड़ता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटकर बेवजह परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि धरने पर किसान नेताओं द्वारा बार-बार माइक से घोषणा की जाती है कि किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों के चालान न काटे जाए। जब माइक से घोषणा की जाती है, तो एक-दो दिन चालान नहीं काटे जाते हैं। परंतु फिर चालान काटने की प्रक्रिया दोहराई जाती है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने किसानों से घिरा होने पर आगे से उस जगह चालान न काटने की बात कही, जिसके बाद किसानों ने उनको जाने दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.