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नरवाना में धान नहीं खरीदी गई, किसानों ने चार घंटे बंद रखा मंडी का गेट

मेला मंडी में एजेंसी द्वारा धान की खरीद में तेजी न लाने और खरीद करते समय कोई न कोई निकाले जाने पर किसान खफा हो गये और उन्होंने रोषस्वरूप मेला मंडी के गेट पर ताला जड़ दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 09:20 AM (IST)
नरवाना में धान नहीं खरीदी गई, किसानों ने चार घंटे बंद रखा मंडी का गेट
नरवाना में धान नहीं खरीदी गई, किसानों ने चार घंटे बंद रखा मंडी का गेट

संवाद सूत्र, नरवाना : मेला मंडी में एजेंसी द्वारा धान की खरीद में तेजी न लाने और खरीद करते समय कोई न कोई निकाले जाने पर किसान खफा हो गये और उन्होंने रोषस्वरूप मेला मंडी के गेट पर ताला जड़ दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि एजेंसी और मिलर्स की आपसी मिलीभगत के कारण किसान की सूखी धान को भी नहीं खरीदा जा रहा है। एजेंसी केवल समय पास करने के लिए ढेरियों पर जाकर बोली करने का दिखावा करती है। उनको मंडी में धान बेचने के लिए एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है। जिससे उनकी धान की नमी प्रतिशत 19 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत तक रह गया है। लेकिन फिर भी उसको खरीदा नहीं जा रहा है। एजेंसी के अधिकारी द्वारा खरीदने से इसलिए मना कर दिया जाता है, क्योंकि कहा जाता है कि दाना टूट गया है। धान की नमी घटने के बाद दाना टूटना स्वाभाविक है। एजेंसी ने धान की खरीद कर भी ली, तो बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। जिससे धान की तुलाई नहीं हो पाती है। नरवाना की मेला मंडी में हर दिन तीनों एजेंसियों से खरीद करवाने के लिए किसानों ने मांग भी रखी जा चुकी है। किसानों ने कहा कि जब तक तीनों एजेंसियां हर दिन धान की खरीद नहीं करेगी, तब तक मंडी के गेट का ताला नहीं खोला जायेगा। गेट पर ताला लगने की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार और सिटी एसएचओ महेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन किसान धान की खरीद सही तरीके से करवाने की बात पर अड़े रहे। किसानों ने मार्किट कमेटी कार्यालय में धरना देने के बाद लगभग 4 घंटे के बाद मंडी गेट का ताला खोल दिया। --एजेंसी ने बारदाना देने का लिखित में दिया आश्वासन

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किसानों का कहना था कि एजेंसी धान की खरीद तो कर लेती है, लेकिन उसकी तुलाई के लिए बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। इस पर मार्किट कमेटी सचिव जोगेंद्र सिंह ने हरियाणा वेयर हाऊस के अधिकारी से बात की और किसानों की डिमांड रखी। जिसके बाद अधिकारी ने सचिव को लिखित में आश्वासन दिया कि किसानों को धान खरीदने के बाद बारदाना हर हालत में उपलब्ध करवाया जायेगा। जिसके किसान बारदाना मिलने के आश्वासन के बाद शांत हुए। --कर्मचारियों को कार्यालय के अंदर किया बंद

किसानों ने खरीद कार्य में बरती गई कोताही होने पर रोषस्वरूप नारेबाजी करते हुए मार्किट कमेटी कार्यालय तक आ पहुंचे और उन्होंने कार्यालय को बाहर से बंद कर दिया। जिससे कर्मचारी अंदर ही बंद रहे। जिससे कर्मचारियों व किसानों में नोंक-झोक होती रही। किसानों का कहना था कि कर्मचारी आराम से कार्यालय में बैठे रहते हैं, जबकि किसान भूखा-प्यासा ढेरियों पर बैठा रहता है।


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