बसताड़ा में लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने किया प्रदर्शन
करनाल के बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने मंगलवार को शहर में प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, जींद : करनाल के बसताड़ा में हुए लाठीचार्ज के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने मंगलवार को शहर में प्रदर्शन किया। किसान ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर नेहरू पार्क में पहुंचे। जहां पर रानी तालाब से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया और डीसी नरेश कुमार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे खटकड़ टोल प्लाजा धरने के संयोजक सतबीर पहलवान ने कहा कि 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन करनाल प्रशासन ने किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया और किसानों पर लाठीचार्ज किया, जो असंवैधानिक हैं। संविधान के अनुसार प्रजातंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने, विरोध दर्ज करवाने व काले झंडे दिखाने का संवैधानिक अधिकार है।
करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा द्वारा पुलिस अधिकारियों को किसानों के सिर फोड़ने का जो आदेश कैसे दे सकता है। एसडीएम द्वारा दिए गए गलत आदेश के कारण सैकड़ों किसान पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज में घायल हुए और एक सुशील काजल नाम के किसान की गंभीर चोटों की वजह से मृत्यु हो गई है। इसलिए एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया और इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। बाद में किसान ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर वापस खटकड़ टोल प्लाजा के धरने पर चले गए।
दर्ज हुए मुकदमों को लेकर एसपी से मिले कमेटी के सदस्य
डीसी को ज्ञापन देने के बाद किसान एसपी कार्यालय पर पहुंचे और वहां पर धरना शुरू कर दिया। बाद में एसपी वसीम अकरम ने टोल प्लाजा की कमेटी के सदस्यों को बातचीत के लिए कार्यालय में बुलाया। जहां पर करीब आधा घंटे तक किसानों व एसपी में बातचीत हुई। इसमें कमेटी के सदस्यों ने पिछले दिनों मार्ग जाम करने दौरान दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की। जहां पर एसपी ने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
भारी पुलिस बल किया तैनात
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन पूरे दिन अलर्ट रहा। गोहाना रोड पर जहां से किसानों का प्रदर्शन निकला वहां पर पुलिस बल को तैनात किया गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने गोहाना रोड को दोनों तरफ से सील कर दिया और वाहनों की आवाजाही को रोक दिया। इसके अलावा डीसी कार्यालय पर अर्द्ध सैनिक बल के जवानों सहित पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया, लेकिन किसान प्रदर्शन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से कार्यालय के बाहर बैठ गए। ज्ञापन देने के बाद वापस ही पैदल शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर वापस चले गए।