डीएपी खाद नहीं मिलने पर किसानों ने किया नरवाना में रेलवे रोड जाम
डीएपी खाद नहीं मिलने पर सोमवार को नरवाना में किसानों ने रेलवे रोड पर जाम लगा दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
संवाद सूत्र, नरवाना : डीएपी खाद नहीं मिलने पर सोमवार को नरवाना में किसानों ने रेलवे रोड पर जाम लगा दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। खंड कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेंद्र मोर ने किसानों को जल्द खाद की सप्लाई आने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। डीएपी खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। नरवाना में किसान इफको कार्यालय के बाहर अल सुबह चार बजे से ही लाइन में लग जाते हैं। लेकिन खाद नहीं मिलने पर उनको खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है। रविवार को कार्यालय की छुट्टी होने के बाद किसान सोमवार को इफको कार्यालय के बाहर सुबह से ही लाइन में लग गए थे। लेकिन जब सुबह 11 बजे तक इफको कार्यालय नहीं खुला, तो किसानों ने रेलवे रोड पर जाम लगा दिया। किसानों का कहना था कि गेहूं की बिजाई का समय आ चुका है, लेकिन अभी तक उनको खाद ही नहीं मिल रही। जिससे बिजाई समय पर नहीं हो पाएगी। वे खाद लेने के प्रतिदिन नरवाना आते हैं, लेकिन डीएपी खाद ही नहीं मिल पा रही। अगर डीएपी प्राइवेट दुकान से खरीदें, तो खाद के साथ बीज व दवाइयां भी खरीदनी पड़ती हैं। जिससे उनको दोहरी मार पड़ती है। किसानों ने कहा कि जब तक उनको खाद मिलने का आश्वासन नहीं मिल पाता, तब तक वे जाम नहीं खोलेंगे। जाम लगाने की सूचना मिलते ही खंड़ कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेंद्र मोर मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाया कि इफको में कोई खाद का बैग नहीं है। नरवाना क्षेत्र के लिए खाद का स्टाक आना था, लेकिन वह अभी तक नहीं आ पाया है। उम्मीद है कि 12 नवंबर को खाद का रैक आएगा और नरवाना क्षेत्र में खाद की किल्लत दूर हो जाएगी। जिसके बाद किसानों ने 12.40 बजे जाम खोल दिया।
सोनीपत आए रैक से नहीं मिला खाद
कृषि विभाग के एसडीओ डा. देवेंद्र कुमार ने बताया कि खाद का स्टाक खत्म हो चुका है। जिससे खाद की किल्लत तो बनी हुई है। डीएपी खाद का रैक सोनीपत तो पहुंचा था, लेकिन उसमें नरवाना का नंबर नहीं आया। वहीं भिवानी दूर होने के कारण खाद का स्टाक नहीं लाया जा सका। 12 नवंबर को चंबल के खाद का स्पेशल रैक नरवाना पहुंचेगा। जिसके बाद खाद की किल्लत दूर हो जाएगी। वहीं उझाना, खरल व पीपलथा पैक्स में खाद पर्याप्त मात्रा में है और किसानों को बांटा जा रहा है। किसानों की खाद संबंधी समस्या को समय-समय पर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाता है।
डीएपी की जगह दिया जाएगा एनपीके
जींद : गेहूं की बिजाई के लिए मांग के अनुसार जिले में डीएपी खाद की सप्लाई नहीं आई है। रबी सीजन में 31 हजार मीट्रिक टन यानि करीब सवा छह लाख डीएपी के बैग की जरूरत है। अभी तक किसानों को लगभग 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद ही मिल पाई है। सोमवार शाम को जिले में लगभग 10 हजार डीएपी के बैगों का ही स्टाक बचा हुआ था। किसान डीएपी लेने के लिए सरकारी दुकानों व प्राइवेट डीलर्स के यहां भटक रहे हैं। पर्याप्त डीएपी नहीं मिल पाने के कारण अब किसानों को डीएपी की जगह एनपीके दिया जाएगा। एनपीके में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम होता है। वहीं डीएपी में फास्फोरस और नाइट्रोजन होता है। कृषि विभाग से क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि शुक्रवार तक एनपीके का रैक जींद पहुंचने की उम्मीद है। किसान डीएपी की जगह एनपीके प्रयोग कर सकते हैं।