कोरोना पर भारी आस्था, अमावस्या पर पिडारा में श्रद्धालुओं ने किया पिडदान
कोरोना महामारी पर अब श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ने लगी है। पिछली बार की तरह इस बार भी अमावस्य पर शुक्रवार को पिडारा में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और यहां तीर्थ में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान किया।
जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना महामारी पर अब श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ने लगी है। पिछली बार की तरह इस बार भी अमावस्य पर शुक्रवार को पिडारा में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और यहां तीर्थ में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान किया।
कोरोना के कारण पिछले करीब 7 महीने से धार्मिक स्थलों व तीर्थों पर रोक लगी हुई थी। इसके बाद अब व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। महाभारत कालीन तीर्थ पांडू-पिडारा में शुक्रवार को अश्वनी मास की अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने तीर्थ में स्नान किया तथा पिडदान करके तर्पण किया। शुक्रवार को अलसुबह से ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान तथा पिडदान शुरू कर दिया था, जो दोपहर तक चलता रहा। तीर्थ परिक्रमा के पास सामान बेचने के लिए फड़ें लगाई हुई थी। जिस पर बच्चों तथा महिलाओं ने खरीददारी की। अमावस्या को देखते हुए पांडू पिडारा तीर्थ पर पुलिस बल को तैनात किया गया था। हालांकि श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी और उन्हें शारीरिक दूरी बनाए रखने की हिदायतें दी जा रही थी। ---------------- 7 महीने बाद तीर्थ पर लौटने लगी रौनक कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह के अंत में लॉकडाउन के चलते महाभारत कालीन पांडू पिडारा तीर्थ पर श्रद्धालुओं के स्नान व पिडदान, मेला आयोजन पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान आने वाली अमावस्या पर पुलिस बल को तैनात किया जाता रहा। साथ ही कोई श्रद्धालु तीर्थ पर न पहुंचे, इसके लिए नाके भी लगाए जाते रहे। अब धीरे-धीरे तीर्थ पर रौनक बढ़ने लगी है।