भावनात्मक शक्ति अतुलनीय होती है : मलिक
जींद में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श एवं कल्याण केंद्रों की स्थापना के तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श एवं कल्याण केंद्रों की स्थापना के तत्वावधान में शनिवार को गांव छातर स्थित शिक्षा भारती वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का विषय उम्र के विकास के साथ भावनात्मक स्वास्थ्य की समझ रहा। इसमें मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक व राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि भावनात्मक शक्ति अतुलनीय होती है। मानवीय संवेदना, प्रेरणा, प्रोत्साहन, सच्ची प्रशंसा, सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। बाल्यावस्था से ही अतुलनीय व्यवहार, निष्पक्ष नजरिया, लैंगिक संवेदनशीलता, अभिव्यक्ति की आजादी, एक समान अवसर, पूरा भरोसा, व्यवहारिक आचरण, भावनात्मक रूप से बच्चे की परवरिश की मजबूत नींव रखते हैं। उन्होंने कहा कि परवरिश एक कला है, इसे सीखना पड़ता है, विकसित करना होता है। माता-पिता अपने बच्चों के जीवन को संवारने के लिए सारथी की भूमिका निभाएं। माता-पिता का मानव जीवन के प्रति परम धर्म यह है कि वह अपने बच्चों के सच्चे दोस्त, अनुभवी दार्शनिक व प्रेरणादायी मार्गदर्शक की भूमिका तन्मयता से निभाते रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य अजीत गौतम ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी मलकीत चहल, परामर्शदाता नीरज कुमार, रविद्र, पवन व कुलदीप उपस्थित रहे।