मंडियों में उठान धीमा होने से बाहर गलियों में धान डाल रहे किसान
नरवाना की मंडियों में धान की आवक तेज है लेकिन उठान धीमा होने से मंडियों में धान रखने की जगह नहीं बची है। जिस कारण किसानों को मंडी से बाहर ही धान डालना पड़ रहा है।
संवाद सूत्र, नरवाना : नरवाना की मंडियों में धान की आवक तेज है, लेकिन उठान धीमा होने से मंडियों में धान रखने की जगह नहीं बची है। जिस कारण किसानों को मंडी से बाहर ही धान डालना पड़ रहा है। इससे धान के चोरी होने का भी डर बना रहता है। नरवाना की कपास मंडी में जगह न होने पर किसानों ने मंडी से बाहर गलियों में ही धान डालना शुरू कर दिया है। नरवाना की दोनों मंडियों सहित अन्य सब यार्डों में शनिवार तक चार लाख 86 हजार 470 क्विटल धान की खरीद हुई है। इसमें से उठान दो लाख 84 हजार 833 क्विटल का ही हुआ है। नरवाना में हैफेड ने 133620 क्विटल धान खरीदा है, तो उठान 61180 क्विटल का किया है। डीएफएससी ने 111567 क्विटल खरीदने के बाद 60200 क्विटल का उठान किया है। हरियाणा वेयर हाउस ने 81224 क्विटल खरीदने के बाद 55900 क्विटल का उठान किया है। धमतान मंडी में एफसीआइ ने 11665 क्विटल खरीदने के बाद 10060 क्विटल का उठान किया है। हरियाणा वेयर हाउस ने 58285 क्विटल खरीद किया है, तो उठान 41360 क्विटल का कर लिया है। गढ़ी मंडी में हैफेड ने 14770 क्विटल में से 13380 क्विटल धान का उठान किया है। एफसीआइ ने 24407 क्विटल खरीदने के बाद 13220 क्विटल का उठान किया है। धनौरी में एफसीआइ ने 18520 क्विटल में से 13500 क्विटल का उठान किया। खरल में एफसीआइ ने 18587 क्विटल खरीदा है, तो उठान 9698 क्विटल हुआ है। मंगलपुर में 13825 क्विटल खरीदा है, तो उठान 6335 क्विटल का उठान हुआ है। नरवाना की मंडियों से 41 प्रतिशत उठान बाकी है।
तोल में गड़बड़ी की आशंका, हुआ हंगामा
कपास मंडी में शनिवार देर रात एक किसान की धान खरीदने के बाद तोल किया जा रहा था। किसान को एक किलो ज्यादा तोल करने की गड़बड़ी का शक हुआ। जिसके बाद उसने हंगामा करते हुए गड़बड़ी के आरोप लगाए। किसान और मजदूरों के बीच हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया। जहां एसएचओ महेंद्र सिंह ने आकर मामला शांत करवाया। इस बीच मौके पर आढ़ती को भी बुलाया गया और मामले को निपटाया गया। मार्केट कमेटी सचिव जोगेंद्र सिंह ने बताया कि कपास मंडी में तोल में गड़बड़ी को लेकर बात आई थी। जिसके बाद किसान से बात हो चुकी है, कि उसने शक जाहिर किया था। वहीं किसान के बैगों का वजन करवा लिया गया है। जिसके बाद किसान संतुष्ट है।