पानी की जल्द निकासी को तीन विभागों के अधिकारी रहेंगे अलर्ट
जुलाना क्षेत्र में हर साल बरसाती सीजन में जलभराव से हजारों एकड़ फसल डूब जाती है। इस बार जलभराव की समस्या से निपटने और ड्रेनों व नहर में बरसाती पानी की जल्द निकासी के लिए तीन विभागों के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। डीआरओ के साथ सिचाई विभाग व बिजली निगम के एक्सईएन व एसडीओ का व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है।
जागरण संवाददाता, जींद : जुलाना क्षेत्र में हर साल बरसाती सीजन में जलभराव से हजारों एकड़ फसल डूब जाती है। इस बार जलभराव की समस्या से निपटने और ड्रेनों व नहर में बरसाती पानी की जल्द निकासी के लिए तीन विभागों के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। डीआरओ के साथ सिचाई विभाग व बिजली निगम के एक्सईएन व एसडीओ का व्हाट्सएप ग्रुप भी बना दिया गया है। इस ग्रुप के जरिए ये अधिकारी आपस में तालमेल करके पानी निकासी पर तुरंत एक्शन लेंगे। अभी तक पानी निकासी के लिए सिचाई व बिजली विभाग के अधिकारियों में तालमेल नहीं रहता था।, जिस कारण पानी निकासी का काम ही देरी से शुरू होता था। पिछले साल पंचायतों व किसानों ने खुद तेल व ट्रैक्टर लगाकर पानी की निकासी की थी। ड्रेनों की सफाई का जिम्मा सिचाई विभाग का है। वहीं पंप हाउसों पर ड्रेनों के पानी की निकासी के लिए बिजली के कनेक्शन बिजली निगम को करने हैं। बिजली निगम जुलाना सब डिविजन एसडीओ वीरेंद्र मलिक ने बताया कि पंप हाउसों पर बिजली कनेक्शन किए जा चुके हैं। सभी तैयारियां पूरी हैं। बरसाती सीजन में बिजली सप्लाई को लेकर पंप हाउसों पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
---------------
30 जून तक करनी है ड्रेनों की सफाई
सिचाई विभाग जींद के अंतर्गत जिले की 48 ड्रेनें है। जिनमें से 41 ड्रेनों की सफाई की जानी है, जिसका काम 30 जून तक पूरा करना है। सिचाई विभाग के एसई मंगतराम ने बताया कि निर्धारित समय में ड्रेनों की सफाई का काम पूरा होगा। कुछ ड्रेनों की सफाई कराने में आसपास के किसानों के विरोध के चलते दिक्कत आ रही है। कुछ जगहों पर कब्जा भी है। जहां सफाई के लिए मशीन जाने की जगह नहीं है, वहां कैमिकल डाल कर सफाई की जा रही है।
--------------
मानसून की बारिश की इंतजार
प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। लेकिन जिले में किसानों को मानसून की बारिश का इंतजार है। शनिवार सुबह भी बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार 29 जून के बाद मानसून के दोबारा सक्रिय होने से बारिश की उम्मीद है। बारिश ना होने से धान रोपाई का कार्य भी धीमा चल रहा है। वहीं प्रवासी कामगार कम आने से भी किसानों को परेशानी हो रही है।