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द्रोणाचार्य बन ग्रामीण प्रतिभा निखार रहे फतेहगढ़ के संजीत कौशिक

गांव फतेहगढ़ निवासी संजीत कौशिक द्रोणाचार्य बनकर गांव की प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:20 AM (IST)
द्रोणाचार्य बन ग्रामीण प्रतिभा निखार रहे फतेहगढ़ के संजीत कौशिक
द्रोणाचार्य बन ग्रामीण प्रतिभा निखार रहे फतेहगढ़ के संजीत कौशिक

जागरण संवाददाता, जींद : गांव फतेहगढ़ निवासी संजीत कौशिक द्रोणाचार्य बनकर गांव की प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रहे हैं। गांव में उनके अखाड़े से निकल मनीषा दलाल, सुदेश दूहन समेत कई खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। दो दर्जन से ज्यादा युवक खेलों के जरिये सेना में भर्ती होकर सरहदों की रक्षा कर रहे हैं।

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जुलाना-नंदगढ़ मार्ग पर छोटा सा गांव है फतेहगढ़ । इसे आसपास के इलाके में छान्या गांव के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव में सुबह व शाम को सरकारी स्कूली के पास की खाली जमीन (निर्माणाधीन मिनी स्टेडियम) पर दर्जनों बच्चे कुश्ती और कबड्डी के दांव पेंच लगाते देखे जा सकते हैं। इन बच्चों को खेल के दांव-पेंच कोई खेल विभाग का कोच नहीं बल्कि गांव का ही एक युवा संजीत कौशिक सीखा रहा है। इसमें उनका सहयोग पहलवान जयभगवान कर रहे हैं। संजीत कौशिक से दांव-पेंच सीख कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है।

पिता के सपने को पूरा करने में जुटे संजीत कौशिक

संजीत कौशिक बताते हैं कि उनके पिता भैया राम कौशिक सरकारी स्कूल में हिदी के अध्यापक थे। उनकी खेलों के प्रति गहरी रूचि थी और वह स्कूल बच्चों को बेडमिटन और कुश्ती के लिए प्रेरित करते हुए खेलों के गुर सीखाते थे। उनका सपना था कि गांव के बच्चे भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाएं, लेकिन 1990 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। वह उस समय 9वीं कक्षा का छात्र था। अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए संजीत ने बच्चों को गांव में कबड्डी और कुश्ती के गुर सिखाने शुरू कर दिए। इस काम में पहलवान जयभगवान ने भी उनका साथ दिया। देखते ही देखते कारवां जुड़ने लगा और खिलाड़ियों की संख्या बढ़ने लगी।

फतेहगढ़ के अखाड़े से निकले यह बड़े खिलाड़ी

मनीषा दलाल, 2010 के एशियाड खेलों में कबड्डी गोल्ड मेडलिस्ट, वर्तमान में हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर -सुदेश दुहन, 800 मीटर की दौड़ में स्टेट अवार्डी, अब कुश्ती कोच -सरोज, कबड्डी में स्टेट मेडल -पूनम, कुश्ती में स्टेट मेडल -प्रदीप कुमार, कबड्डी में स्टेट मेडल -जसमेर सिंह, सेना में -बिजेंद्र सिंह, सेना में -सुनील कुमार सेना में -बिट्टू सेना में -मुकेश कुमार, चंडीगढ़ पुलिस -अजय कुमार, चंडीगढ़ पुलिस -सीटू दिल्ली पुलिस -भतेरी, कबड्डी में जिला मेडल -सुमन हरियाणा पुलिस में सुबह-शाम बच्चों को सिखाते हैं दांव-पेंच : संजीत

संजीत कौशिक ने बताया कि सात साल पहले गांव में पंचायती जमीन में मिनी खेल स्टेडियम मंजूर हुआ था, उसी जमीन पर ही अब अखाड़ा चलाया जा रहा है। जुलाना कस्बे में जेबीएम स्कूल के खेल मैदान में भी वह अखाड़ा चला रहे हैं। इसमें जुलाना कस्बा और पास के गांवों के युवा कुश्ती और कबड्डी खेलने आते हैं।


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