बाल पकड़कर पीटा, फिर छात्राओं से छेड़छाड़ में फंसाने की दी धमकी, आहत युवक ने खाया जहर
जाट धर्मशाला के पास स्थित ईफा अकेडमी के फिजिक्स टीचर शशांक त्रिपाठी की करतूत ने होनहार छात्र की जिदगी छीन ली। गांव खरकरामजी के 12वीं कक्षा के छात्र अभिषेक उर्फ संजय को टीचर शशांक ने पहले बाल पकड़कर पीटा। फिर दबाव बनाने के लिए लड़कियों के छेड़छाड़ के आरोप लगाया।
जागरण संवाददाता, जींद : जाट धर्मशाला के पास स्थित ईफा अकेडमी के फिजिक्स टीचर शशांक त्रिपाठी की करतूत ने होनहार छात्र की जिदगी छीन ली। गांव खरकरामजी के 12वीं कक्षा के छात्र अभिषेक उर्फ संजय को टीचर शशांक ने पहले बाल पकड़कर पीटा। फिर दबाव बनाने के लिए लड़कियों के छेड़छाड़ के आरोप लगाया। इससे आहत होकर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। इकलौता बेटे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है। मां रेणू अपने बेटे अभिषेक को बार-बार याद करके बेसुध हो रही है। स्वजनों का कहना है कि 10 अगस्त को टीचर द्वारा पहले तो कक्षा में सभी छात्रों के सामने बाल पकड़कर पिटाई की। जब अभिषेक ने विरोध किया तो टीचर ने लड़कियों से छेड़छाड़ की शिकायत देकर झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। टीचर की इस हरकतों से अभिषेक शर्मसार हो गया और 10 अगस्त की रात को वह सो नहीं पाया। बेटे के ऐसे हालात देखकर उसकी पिता महेंद्र व मां रेणू अकेडमी में बात करने के लिए आ गए और पिछले से अभिषेक ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। जब उसके माता-पिता घर पर पहुंचे तो उसकी तबीयत बिगड़ चुकी थी। स्वजन उसे पीजीआई रोहतक में लेकर गए। जहां पर उपचार के दौरान मौत हो गई।
मेरा बेटा था होनहार, बनना चाहता था इंजीनियर
अभिषेक के पिता महेंद्र ने बताया कि उसका बेटा शुरुआत से ही पढ़ाई में होशियार था। उसने 11वीं कक्षा गांव के पास ही स्थित निजी स्कूल से की थी। 12वीं की तैयारी के लिए उसने ईफा अकेडमी में दाखिल किया था। जहां पर पूरे साल का पैकेज के 70 हजार रुपये मांगे थे और उसने पहले किश्त 10 हजार रुपये जमा करवा दी थी। लॉकडाउन होने के कारण अकेडमी बंद हो गई थी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अकेडमी से फोन आया और कक्षा लगाने के लिए कहा, लेकिन कोरोना महामारी फैलने के चलते अभिषेक कक्षा लगाने के लिए नहीं जाता था। 10 अगस्त को अभिषेक अकेडमी में चला गया। पहले तो उस पर फीस के पैसे जमा करवाने के लिए कहा। अभिषेक ने पिता से कहकर फीस जमा करवाने की बात कही।
छेड़छाड़ के आरोपों से डिप्रेशन में आया अभिषेक रोता रहा
पिता महेंद्र ने बताया कि जब अभिषेक कक्षा लगा रहा था तो टीचर शशांक त्रिपाठी ने सभी बच्चों के बीच में उठा लिया और एक सवाल पूछ लिया। जब उसका जवाब नहीं मिला तो उसके बाल पकड़कर पिटाई की। सभी बच्चों के बीच पिटाई से नाराज अभिषेक क्लास से बाहर निकल गया। उसने कहा कि एकेडमी खोलने पर प्रतिबंध के बावजूद कक्षा लगाने की शिकायत प्रशासन को देगा। इसके बाद टीचर ने अभिषेक से फोन पर बात की और पूछा कि वह कहां पर है। इस दौरान अभिषेक ने कह दिया कि वह कोर्ट में है और उनकी शिकायत करेगा। इस पर टीचर ने धमकी दी कि वहीं पर रुक जा। वह अभी एक-दो लड़कियों को लेकर आता है और उनसे छेड़छाड़ के आरोप लगवाकर उसे जेल में डलवाएगा। इसके बाद उसका बेटा डिप्रेशन में आ गया और घर पर आकर रोने लगा। उसने समझाने का प्रयास किया। सुबह जब अकेडमी में आकर पूछा तो टीचर ने कहा कि लड़की के छेड़छाड़ की बात उसने अभिषेक पर दबाव बनाने के लिए की थी। लेकिन उसका बेटा टीचर के इन आरोपों को सहन नहीं कर पाया और जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली।
मां से बोला: मैंने आपको धोखा दे दिया
मां रेणू ने बताया कि 11 अगस्त को जब अकेडमी में बात करके गांव बराह कलां के निकट पहुंचे तो अभिषेक का फोन आया कि उसको उल्टी लग रही है। जब वह घर पर पहुंची तो उसका बेटा रोककर कहने लगा कि मां तुमने मेरे के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन मैंने ही आपको धोखा दे दिया। इसके बाद अभिषेक ने बताया कि उसने सल्फास की गोली मुंह में रखकर पानी पी लिया और उसके बाद से उल्टी आ रही है। रेणू ने कहा कि टीचर ने झूठे आरोपों ने उसके इकलौते बेटे की जान ले ली। इसलिए टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
पानी मांगने के साथ टीचर के आरोपों को दोहराता रहा
छात्र के मामा विनोद ने बताया कि जब पीजीआई रोहतक लेकर जा रहे थे तो अभिषेक पानी व टीचर द्वारा लगाए गए आरोपों को ही दोहराता रहा। मरते दम तक अभिषेक यह बात कहता रहा कि पहले तो टीचर ने पूरी कक्षा के सामने पीटा और उसके बाद लड़की से छेड़छाड़ के आरोप लगाकर उसे शर्मसार किया है।