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डॉक्टर वीआइपी ड्यूटी पर, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज

डॉक्टरों की कमी के चलते सोमवार को नागरिक अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिला। सीआरएसयू में राज्यपाल के आगमन के चलते चार डाक्टरों की वीआइपी ड्यूटी पर जबकि पांच डाक्टर छुट्टी पर होने के कारण मरीज पूरे दिन इलाज के लिए भटकते रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 07:32 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 07:32 AM (IST)
डॉक्टर वीआइपी ड्यूटी पर, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज
डॉक्टर वीआइपी ड्यूटी पर, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज

जागरण संवाददाता, जींद : डॉक्टरों की कमी के चलते सोमवार को नागरिक अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिला। सीआरएसयू में राज्यपाल के आगमन के चलते चार डाक्टरों की वीआइपी ड्यूटी पर, जबकि पांच डाक्टर छुट्टी पर होने के कारण मरीज पूरे दिन इलाज के लिए भटकते रहे। डाक्टरों के बारे में जानकारी देने के लिए नए भवन में बनाए गए पूछताछ केंद्र पर कोई भी कर्मचारी नहीं बैठा था। इसके चलते मरीज पूरे दिन इधर से उधर भटकते रहे और थक हारकर बिना इलाज के वापस लौट गए। नए भवन में केवल दो जगह पर ही डॉक्टर बैठे रहे, लेकिन वहां पर मरीजों की लंबी लाइन थी। अधिकतर मरीजों को विशेषज्ञ नहीं होने की कहकर वापस लौटा दिया। नागरिक अस्पताल में फिलहाल 17 डॉक्टर हैं। इसमें से छह डॉक्टरों की प्रशासनिक कार्यों में ड्यूटी लगाई गई है, जिसकी वजह से नियमित रूप से मरीजों का इलाज नहीं कर पाते। फिलहाल हालात ऐसे हो गए हैं कि 24 घंटे आपातकालीन कक्ष में डाक्टरों तैनात करने का शेड्यूल भी नहीं बन पा रहा है। अस्पताल में पहुंचे मरीजों का कहना था कि जब विभाग के पास डाक्टर ही नहीं है तो नए भवन के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत थी।

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चार डॉक्टरों के भरोसे रहे दो हजार मरीज

चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में राज्यपाल के आगमन के चलते सर्जन डॉ. चंद्रमोहन, डॉ. सुषमलता, डॉ. संदीप लोहान, डॉ. चंद्रमणी को वीआईपी ड्यूटी पर थे। अस्पताल के एकमात्र फिजिशियन डॉ. गौरव राठी, डॉ. आरके शर्मा, डॉ. राजेंद्र छुट्टी पर गए हुए है। जबकि डॉ. नेहा की कोर्ट ड्यूटी पर थीं। अस्पताल के एकमात्र हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संतलाल की आपाताकालीन कक्ष में रात्रि ड्यूटी होने के चलते दिन में छुट्टी पर रहे। इसके चलते करीब दो हजार मरीजों का चेकअप करने का जिम्मा केवल तीन से चार डॉक्टर पर रहा। हालांकि दंत वार्ड व गायनी वार्ड में ओपीडी डाक्टर तैनात रहने के चलते मरीजों को यहां पर राहत मिली।

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तीन घंटे में बनी ओपीडी पर्ची

अर्बन एस्टेट निवासी शकुंतला देवी ने बताया कि ओपीडी पर्ची बनाने के लिए तीन घंटे लाइन में लगा रहना पड़ा। पर्ची बनवाने के बाद पता चला कि डॉक्टर नहीं है। पूरा दिन लाइन में खड़ा होने के बाद भी विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के कारण सही इलाज नहीं मिल पाया।

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फील्ड में तैनात डॉक्टर ड्यूटी करने के लिए नहीं तैयार

अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर की कमी के चलते अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं चलाना भी मुश्किल हो गया है। अधिकतर डॉक्टर रात्रि ड्यूटी करने के लिए तैयार नहीं हो रहे है। इसके लिए इमरजेंसी सेवाएं चालू रखने के लिए फील्ड में लगे डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जा रही है। लेकिन खरकरामजी सीएचसी व उचाना में तैनात डॉक्टर इस ड्यूटी को करने के लिए तैयार नहीं है। पहले से डॉक्टरों के कमी के चलते अस्पताल प्रशासन इनके खिलाफ चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर रहा है और अधिकारी भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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आपातकालीन सेवाओं को चलाना प्राथमिकता

नागरिक अस्पताल के एमएस डॉ. गोपाल गोयल ने कहा कि आपातकालीन सेवाओं को चलाना जरूरी है। डॉक्टरों की कमी के चलते विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी परी इमरजेंसी में लगाई गई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की रात्रि ड्यूटी होने के चलते अगले दिन ओपीडी चलाना मुश्किल हो जाता है। फिलहाल तैनात डॉक्टरों के सहारे ही काम चलाया जा रहा है। फील्ड के डॉक्टरों के लिए सिविल सर्जन से डिमांड की जाएगी।


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