दिव्यांगों को मुख्य धारा में लाने का काम करती है दिव्यांगता : डॉ. संगीता
चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के एजुकेशन विभाग व हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकुला के तत्वावधान में विशेष शिक्षकों का तीन दिवसीय दिव्यांग प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ।
जागरण संवाददाता, जींद : चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के एजुकेशन विभाग व हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकुला के तत्वावधान में विशेष शिक्षकों का तीन दिवसीय दिव्यांग प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। जिसमें विश्वविद्यायल के वीसी प्रो. आरबी सोलंकी मुख्यातिथि, रजिस्ट्रार डॉ. राजबीर सिंह विशिष्ठ अतिथि व मुख्य वक्ता के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र से डॉ. संगीता ने शिरकत की। प्रथम सत्र में कुल 145 प्रशिक्षण प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। वीसी ने इस मौके पर कहा कि समाज के अंदर शिक्षा का बहुत महत्व है। जिससे समाज शिक्षक को अच्छा गुरु मानता है। रजिस्ट्रार डॉ राजबीर सिंह ने कहा कि शिक्षा समाज को कानूनी व मानवीय अधिकार प्राप्त करवाने में मदद करती है। डॉ. संगीता ने बताया कि दिव्यांगों को शिक्षा मुख्य धारा में लाने का काम करती है। जिससे वे दूसरे बच्चों की तरह समाज के लिए अच्छा कार्य कर सकते हैं। दिव्यांगों के बारे में बताते हुए कहा कि इन बच्चों में 19 प्रकार की कमियां पाई जाती हैं। जिसमें मूक बधिर, मानसिक रूप से, शारीरिक तौर पर बच्चों के अंदर दिव्यांगता हो सकती है।
पढ़ाने के बताए जाएंगे तरीके
प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक संदीप बेरवाल ने बताया कि इन तीन दिन के दौरान विशेष शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों के पढ़ाने के अलग अलग तरीकों से अवगत करवाया जाएगा। सम्मानित अतिथि के तौर पर रोहताश खर्ब ने कहा कि शिक्षकों को कक्षाओं के अंदर ऐसी विधियों का उपयोग करना चाहिए जिससे दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह अपनी शिक्षा ग्रहण करे। शोधकर्ता के रूप में डॉ. कौशल शर्मा कहा कि सामान्य विद्यालय भी दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने से मना नहीं कर सकते। इस कार्यक्रम दौरान डॉ. दिनेश, डॉ. अजमेर कुमार, प्रो. संजय कुमार सिन्हा, डीन ऑफ कॉलेज डॉ. राजेश पूनिया, प्राध्यापिका रितु, कपिल, बिजेंद्र मान, मंजीत, शिवानी, कौशल मौजूद रहे।