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कॉमन सर्विस सेंटर के बाहर रेट लिस्ट लगाने के प्रशासन ने दिए आदेश

प्रदेश सरकार ने शहर और गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोले हैं ताकि आमजन को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल सके और लोगों को परेशानी न उठानी पड़े। परंतु सीएससी संचालकों द्वारा लोगों के जागरूक न होने पर उनसे सुविधाओं के नाम पर मनमाने रेट वसूल लिए जाते रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:00 AM (IST)
कॉमन सर्विस सेंटर के बाहर रेट लिस्ट लगाने के प्रशासन ने दिए आदेश
कॉमन सर्विस सेंटर के बाहर रेट लिस्ट लगाने के प्रशासन ने दिए आदेश

संवाद सूत्र, नरवाना : प्रदेश सरकार ने शहर और गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोले हैं, ताकि आमजन को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल सके और लोगों को परेशानी न उठानी पड़े। परंतु सीएससी संचालकों द्वारा लोगों के जागरूक न होने पर उनसे सुविधाओं के नाम पर मनमाने रेट वसूल लिए जाते रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा उनकी फीस या तो निश्शुल्क होती है या फिर नाममात्र फीस ली जाती है। सीएससी संचालकों की इस मनमानी को दैनिक जागरण अखबार ने प्रकाशित किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने सभी सीएससी के बाहर रेट लिस्ट लगाने के निर्देश जारी किए।

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सीएससी सेंटर पर फैमिली आइडी निश्शुल्क बनती है, लेकिन इसके लिए प्रति आइडी 100 से 200 रुपये लिए जा रहे हैं। जिसकी शिकायत गांव हथो वासी जुगमिद्र सिंह ने विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा को की थी। यही नहीं मेरी फसल-मेरा ब्योरा का रजिस्ट्रेशन सीएससी सेंटर पर करवाने के लिए गांव गुरथली के किसान को 60 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 1200 रुपये भी देने पड़े थे। जबकि पंजीकरण निश्शुल्क होता है। सीएससी संचालकों द्वारा लोगों से मनमाने रेट वसूलने पर दैनिक जागरण अखबार द्वारा प्रमुखता से मामले को उजागर किया था और इस बारे में सीएससी के डीएम, जींद से भी बात फोन पर बात की थी।

उन्होंने सीएससी सेंटर के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। वहीं सीएससी सेंटर पर संचालकों द्वारा निर्धारित फीस से ज्यादा रुपये वसूलने की शिकायत अतिरिक्त उपायुक्त, जींद के पास पहुंची, तो उन्होंने जिला जींद के सभी संचालकों के नाम पत्र जारी करते हुए सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सीएससी सेंटर के बाहर रेट लिस्ट लगाई जाए। वहीं फैमिली आइडी निश्शुल्क बनाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी सेंटर संचालक निर्धारित रेट से ज्यादा रुपये लेते पाया गया या फिर रेट लिस्ट नहीं लगाते पाया गया, तो उसका सेंटर रद करने के साथ उसके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।


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