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प्रमाण पत्र बनाने के लिए मेडिकल कैंप रद होने पर दिव्यांगों ने किया हंगामा

नागरिक अस्पताल में हर सप्ताह लगने वाला दिव्यांग जांच कैंप को रद होने पर बुधवार को दिव्यांग व उनके अभिभावकों ने सिविल सर्जन कार्यालय पर हंगामा किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 08:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 08:18 PM (IST)
प्रमाण पत्र बनाने के लिए मेडिकल कैंप रद होने पर दिव्यांगों ने किया हंगामा
प्रमाण पत्र बनाने के लिए मेडिकल कैंप रद होने पर दिव्यांगों ने किया हंगामा

जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना के चलते नागरिक अस्पताल में हर सप्ताह लगने वाला दिव्यांग जांच कैंप को रद होने पर बुधवार को दिव्यांग व उनके अभिभावकों ने सिविल सर्जन कार्यालय पर हंगामा किया। दिव्यांगों को लगभग तीन माह पहले ही 12 जनवरी को जांच के लिए आने का कूपन दिया गया था। जब अभिभावक अपने साथ दिव्यांगों को लेकर नागरिक अस्पताल में पहुंचे तो वहां पर कोरोना के चलते कैंप को रद होने का पर्चा लगा मिला। इस पर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने कहा कि जब कैंप को रद कर दिया था तो इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को दिए गए नंबरों पर पहले ही सूचित करना चाहिए था। दिव्यांगों के हंगामे का पता चलते ही डिप्टी सिविल सर्जन डा. जेके मान उनके बीच में पहुंचे और उन्होंने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कैंप को रद किया गया है, क्योंकि कैंप में भीड़ ज्यादा लगती है। इसलिए वहां पर संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। इस पर दिव्यांगों ने कहा कि कैंप को रद किए हुए कई दिन हो चुके हैं, इसके बारे में पहले ही सूचित करना चाहिए था। बाद में दिव्यांग व उनके अभिभावक डीसी कार्यालय पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई-कई माह चक्कर काटने पड़ते हैं। दिव्यांगों की परेशानी को देखते हुए कैंप लगाया जाए और प्रमाण पत्र बनाएं जाएं।

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गाड़ी किराये पर लेकर पत्नी को लेकर आया

गांव रधाना निवासी सतबीर ने बताया कि उसकी पत्नी बिमला चलने में असमर्थ है। चार माह पहले भी उसकी पत्नी को लेकर यहां पर आया था। उस समय कागजात लेकर 12 जनवरी की तिथि का कूपन दे दिया था। इसलिए सुबह ही वह गाड़ी किराये पर लेकर अपनी पत्नी बिमला को लेकर अस्पताल में पहुंचा था। जहां पर पता चला कि कैंप को रद कर दिया था। जब कैंप रद हो गया था तो फाइल पर उसका नंबर था, इसके बारे में सूचित कर सकते हैं। अगर पहले पता होता तो वह गाड़ी का किराया क्यों लगाता।

तीन माह पहले दी थी तिथि

गांव मालवी निवासी धर्मेंद्र पहलवान ने बताया कि वह तीन माह पहले अपने रिश्तेदार का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लेकर आया था। उस समय 12 जनवरी की तिथि दे दी, लेकिन आज वहां पर कैंप नहीं लगाया गया। अगर कोरोना के चलते कैंप रद कर दिया है तो कम से कम उनको आगे की तिथि के बारे में तो जानकारी देनी चाहिए, लेकिन यहां पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। कैंप रद की सूचना पहले ही विभाग ने फोन पर दे देनी चाहिए थी।

दो माह से कटवा रहे चक्कर

भिवानी रोड निवासी रोहित ने बताया कि उसके भाई चलने फिरने में असमर्थ है। दो माह पहले उसके भाई को कैंप में लेकर आया तो चिकित्सकों ने उसको पीजीआइ खानपुर रेफर कर दिया। जहां पर वह लगभग सात हजार रुपये फीस भरकर एमआरआइ करवा लाया। इसके बावजूद भी उसको चक्कर कटवाए जा रहे हैं। बुधवार को जब उसके भाई को लेकर आया तो पता चला कि कैंप को रद कर दिया है। वह अपने दिव्यांग भाई को लेकर इधर से उधर चक्कर काटने पर मजबूर है।


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