अमावस्या पर पिडारा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालु, हटाने के लिए महिला पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
वीरवार को अमावस्या के दिन जींद के साथ लगते पिडारा गांव के पिडतारक तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान करवाने की खातिर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी।
जागरण संवाददाता, जींद : वीरवार को अमावस्या के दिन जींद के साथ लगते पिडारा गांव के पिडतारक तीर्थ पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिडदान करवाने की खातिर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पिडारा तीर्थ पर किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन पर प्रशासन द्वारा लगी रोक अभी तक हटी नहीं है। इसलिए पिछले छह महीने से बंद पड़े तीर्थ स्थलों पर इस बार भी प्रवेश वर्जित रहा। इसके बावजूद कुछ श्रद्धालु तीर्थ पर पहुंच गए और स्नान किया।
बताते चलें कि पिडारा के महाभारतकालीन तीर्थ पर अमावस्या को अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिड दान करने की खातिर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां पर अमावस्या को मेला भी लगता है लेकिन लेकिन कोरोना के कारण पिछले छह महीने से ही यहां पर मेला और धार्मिक आयोजन पर रोक लगाई गई है। हर बार अमावस्या के दिन पुलिस बल तैनात किया जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने से रोका जा सके। वीरवार को भी अमावस्या पर अनेक श्रद्धालु पिडारा पहुंच गए। पुलिस ने नाका लगाया हुआ था, इसलिए उन्हें वापस भेज दिया लेकिन श्रद्धालु वापस जाने की बजाय पुलिस से नजर बताते हुए गलियों से होकर तीर्थ के दूसरी तरफ पहुंच गए और वहां पर स्नान किया।