आयुष्मान कार्ड होते हुए भी निजी अस्पताल ने ऐंठे 2.07 लाख, पीड़ित की मौत
हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पताल संचालकों पर कोई भी शिकंजा नहीं है।
संवाद सूत्र, सफीदों : हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पताल संचालकों पर कोई भी शिकंजा नहीं है। कभी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निजी अस्पतालों की ओपीडी चार्ज व बेड चार्ज के बारे में जांच नहीं करते। इसके चलते सफीदों के सभी निजी अस्पताल संचालक अपनी मनमर्जी से ओपीडी व बेड चार्ज वसूल रहे है। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में सामने आया है।
सफीदों के आदर्श कॉलोनी निवासी दासाराम ने बताया कि उसके बेटे 27 वर्षीय मोहनलाल की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। उसका बीपी हाई हो गया था। उसे पानीपत के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया। आयुष्मान कार्ड दिखाने के बावजूद वहां के चिकित्सकों ने उसे इलाज के पैसे मांगे। उसने 30 हजार रुपये काउंटर पर जमा करवाए। फिर ऑपरेशन के नाम 50 हजार, फिर 47 हजार, 67 हजार, 6 हजार व 5 हजार और यूं करते-करते दो रात में दो लाख 7 हजार रुपये ले लिए गए। बावजूद उसके लड़के की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। 19 नवंबर की शाम को चंडीगढ़ लेकर गए, लेकिन 22 नवंबर को मोहन की मौत हो गई।
मृतक के पिता ने बताया कि पानीपत के जिस निजी अस्पताल में उसने ऑपरेशन के पैसे दिए, वहां आयुष्मान कार्ड पर छूट देने की घोषणा का बोर्ड लगाया हुआ था। बावजूद उसे न तो रियायत मिली और न ही उसके बेटे को ठीक उपचार मिला। दासाराम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (नेशनल हेल्थ अथॉरिटी) भारत सरकार में अस्पताल के खिलाफ शिकायत की है। दासाराम ने कहा कि जब सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड जारी किए गए तो कहा कि कोई भी कार्ड धारक पांच लाख रुपए तक का इलाज निश्शुल्क करवा सकता है। इसलिए उन्होंने सरकार ने मांग की है कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई हो और उसके पैसे उन्हें वापस दिलवाए जाएं।