बेटी कनुप्रिया बनी कोच, मां लवली ने झटके मेडल
ये हैं मिसेज लवली चावला। पूर्व वीसी डॉ. एके चावला की पुत्रवधू। इंजीनियरिग की पढ़ाई की है। कुछ समय इंजीनियरिग कॉलेज में पढ़ाया भी है।
जागरण संवाददाता, जींद : ये हैं मिसेज लवली चावला। पूर्व वीसी डॉ. एके चावला की पुत्रवधू। इंजीनियरिग की पढ़ाई की है। कुछ समय इंजीनियरिग कॉलेज में पढ़ाया भी है। अब गृहिणी हैं। पूरा दिन घर को सजाने-संवारने में ही निकल जाता है। शाम के समय बेटी कनुप्रिया को फेंसिग सिखाने ले जाती हैं। बेटी का खेल देखकर अब लवली भी खिलाड़ी बन गई हैं। तीन दिन पहले उन्होंने कैथल में हरियाणा स्टेट मास्टर्स फेंसिग चैंपियनशिप में दो गोल्ड सहित 4 मेडल झटके हैं।
दैनिक जागरण से बातचीत में लवली चावला बताती हैं कि 11 वर्षीय बेटी कनुप्रिया फेंसिग की खिलाड़ी हैं। तीन साल पहले उसने फेंसिग सीखना शुरू किया था। हर रोज शाम को इंडस स्कूल में कोच दिनेश सैनी के पास फेंसिग सीखने जाती है। उसे ले जाने व लाने की ड्यूटी अक्सर मेरी ही रहती है। बेटी को खेल का इतना शौक है कि 11 साल की उम्र में भी अंडर-20 में खेल चुकी है। नेशनल स्कूल स्टेट में गोल्ड मेडल, अंडर-14 नेशनल में सिल्वर मेडल, अंडर-12 स्टेट में गोल्ड और अंडर-20 में जिला स्तर पर ब्रांज मेडल जीत चुकी है। हरियाणा फेंसिग फेडरेशन ने इस बार मास्टर्स प्रतियोगिता शुरू की है। कुछ दिन पहले बेटी ने कहा कि मम्मी आप भी मेरे साथ प्रैक्टिस किया करो। बेटी के साथ उसके कोच ने भी हौसला बढ़ाया और मैदान में उतर गईं। पिछले महीने 28 से 30 अक्टूबर तक कैथल में हरियाणा स्टेट फेंसिग फेडरेशन में हिस्सा लिया। ग्रुप इवेंट में 2 गोल्ड मेडल और व्यक्तिगत स्पर्धा में 2 सिल्वर मेडल झटक लिए। लवली ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान बेटी ही कोच की भूमिका में थी। जब वह खेल रही थी तब बेटी बाहर बैठी बता रही थी कि आगे बढ़ो। सीधा मारो। अब ऐसे करो। बेटी ने पूरी तरह गाइड किया। लवली ने बताया कि उसकी चैंपियनशिप में उसकी कुल चार बाउट हुई थीं, जिनमें एक में हार का सामना करना पड़ा और तीन में जीत दर्ज की।
पदकों से बढ़ा हौसला, ट्रेनिग शुरू
लवली ने बताया कि पहली बार हुई मास्टर्स फेंसिग चैंपियनशिप में मेडल जीतने से उसका हौसला बढ़ गया है। अब उसने प्रोफेशनल रूप से ट्रेनिग लेनी शुरू कर दी है। उसके साथ कोच वीना सैनी ने भी नियमित रूप से प्रैक्टिस शुरू की है। लवली ने कहा कि अब उसका लक्ष्य आगामी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतना है। लवली की उपलब्धि पर पिता डॉ. एके चावला, मां ऊषा चावला, पति गुंजन चावला ने खुशी जताते हुए कहा कि खेल को निखारने में परिवार की तरफ से पूरी मदद की जाएगी।