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नई शिक्षा नीति समाज को बदल देगी : डा. सोलंकी

चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राजवीर सिंह सोलंकी ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने वाले समय में समाज को बदल देगी और समाज में नए नैतिक मूल्य की स्थापना करेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:18 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:18 AM (IST)
नई शिक्षा नीति समाज को बदल देगी : डा. सोलंकी
नई शिक्षा नीति समाज को बदल देगी : डा. सोलंकी

जागरण संवाददाता, जींद : चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राजवीर सिंह सोलंकी ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने वाले समय में समाज को बदल देगी और समाज में नए नैतिक मूल्य की स्थापना करेगी। वह रविवार को डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर वेबिनार में बोल रहे थे।

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उच्च शिक्षा नीति पर डा. सोलंकी ने कहा कि जो भी छात्र जितना समय पढ़ेगा, उसके आधार पर उसे सर्टिफिकेट डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी यानि अब किसी का कोई साल खराब नहीं होगा। अगर वह एक साल पढ़ता है तो उसका भी सर्टिफिकेट कोर्स माना जाएगा। इससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की ओर जाने का प्रोत्साहन मिलेगा। स्कूल की शिक्षा के विषय पर बोलते हुए हरियाणा राज्य शैक्षणिक परिषद के निदेशक डा. ऋषि गोयल ने बताया कि बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा 6 के बजाय 3 वर्ष की आयु से होगी। अब 3 वर्ष का किडरगार्टन तथा उसके बाद 12 वर्ष तक अर्थात से 3 वर्ष से 18 वर्ष तक विद्यार्थी को विद्यालय शिक्षा प्राप्त करनी होगी। प्रत्येक बच्चे की प्रत्येक एक्टिविटी का मूल्यांकन किया जाएगा। अब शिक्षा में पढ़ने पढ़ाने पर जोर नहीं दिया जाएगा, बल्कि सीखने और सिखाने पर जोर दिया जाएगा। तकनीकी शिक्षा के सचिव डा. राजेश गोयल ने तकनीकी शिक्षा के महत्व पर बल दिया। वेबीनार के अध्यक्ष एम्स के भूतपूर्व प्रो. डा. रमेश आर्य ने नई शिक्षा नीति के विस्तार में जाने पर बल दिया।

मैकाले फ्री शिक्षा नीति: डा. विद्यार्थी

वेबिनार के संयोजक तथा डीएवी संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डा. धर्मदेव विद्यार्थी ने कहा कि 34 वर्ष के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। इससे पहले भारत की शिक्षा नीति लॉर्ड मैकाले की अंग्रेज नीति पर आधारित थी। वेबिनार में डीएवी स्कूलों के प्राचार्यों व शिक्षकों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में गैर डीएवी संस्थाओं के प्राचार्यों और शिक्षकों ने भी भाग लिया।


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