जींद में दस महीने से कोर्ट बंद, पेंडिग केसों की संख्या बढ़ी
24 मार्च को लॉकडाउन लगा था। तब से लेकर अब तक कोर्ट बंद हैं। जिले में कुल 16 कोर्ट में से 7 में ही जमानत व स्टे के जरूरी मामलों पर फिजिकली सुनवाई हो रही है।
कर्मपाल गिल, जींद
देश में कोरोना की इंट्री होने के बाद 24 मार्च को लॉकडाउन लगा था। तब से लेकर अब तक कोर्ट बंद हैं। जिले में कुल 16 कोर्ट में से 7 में ही जमानत व स्टे के जरूरी मामलों पर फिजिकली सुनवाई हो रही है। सभी कोर्ट को दोबारा पहले की तरह खोलने के लिए सोमवार 11 जनवरी को डीसी व एसपी की जजों के साथ मीटिग होगी।
देश में कोरोना की इंट्री के साथ ही न्यायालयों में कामकाज बंद हो गया था। जींद कोर्ट में भी पुराने रेगुलर केसों की गवाहियां बंद हैं और आगे की सभी प्रोसिडिग्स भी बंद पड़ी हैं। संपूर्ण लॉकडाउन खत्म होने के कुछ समय बाद नए केसों को फाइल करने का आदेश आया था, लेकिन इन पर सुनवाई नहीं हुई। जून से जनवरी तक जींद में करीब एक हजार नए केस फाइल हुए हैं। जबकि पूरे जिले की बात करें तो नए फाइल हुए केसों की संख्या लगभग डेढ़ हजार है। हालांकि वकील पिछले तीन-चार महीने से बार में आ रहे हैं, लेकिन नए व पुराने मामलों में सुनवाई नहीं हो रही है। नए केसों पर सुनवाई न होने और पुराने केसों की गवाही न होने के कारण लंबित केसों की संख्या काफी बढ़ गई है। जींद कोर्ट में ही हजारों की संख्या में केस लंबित गए हैं। वकीलों व क्लाइंट को उम्मीद है कि सोमवार को मीटिग में सभी कोर्ट खुलने पर सार्थक फैसला होगा, जिससे पहले की तरह कामकाज शुरू हो जाएगा। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान राजेश गोयत ने कहा कि सभी कोर्ट जल्द खुलनी चाहिए ताकि वकीलों व आम लोगों को राहत मिल सके। --डीसी, एसपी, जज सहित ये होंगे मीटिग में शामिल
जिला व सत्र न्यायाधीश ने सोमवार सुबह 11 बजे एडिशनल कोर्ट कॉम्प्लेक्स के कांफ्रेंस हॉल में मीटिग बुलाई है। इस मीटिग में डीसी डा. आदित्य दहिया, डीआइजी ओपी नरवाल, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, सिविल सर्जन, जिला जेल अधीक्षक और जींद, नरवाना व सफीदों बार के प्रधान शामिल होंगे। इस बैठक में कोर्ट में केसों की दोबारा फिजिकल सुनवाई करने पर विचार किया जाएगा। कोरोना वायरस से जजों, वकीलों व मुवक्किलों को कैसे बचाया जा सके। किस स्तर पर क्या सावधानी बरती जाए, इस पर मंथन किया जाएगा। --एकदम न खुलें कोर्ट, कुछ समय मिले: वकील
बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हेमंत सुखीजा व वकील दर्शन सिंह ढांडा ने बताया कि दस महीने से कामकाज बंद है। कोर्ट को एकदम न खोलकर 10-15 दिन का समय दिया जाए ताकि क्लाइंट को बताया जा सके। और वे सही समय पर कोर्ट में हाजिर हो सकें। एकदम कोर्ट खोलने का फैसला होने पर क्लाइंट तक सूचना नहीं पहुंच पाएगी और फिर उनके वारंट होंगे। इससे मुश्किलें बढ़ेंगी। ज्यादातर क्लाइंट के फोन नंबर बदल जाते हैं, इस कारण सूचना पहुंचाने में परेशानी होती है।
--मुद्दई को नुकसान, डिफाल्टरों की मौज
कोर्ट का कामकाज बंद होने से मुद्दई को परेशानी हो रही है, जबकि डिफाल्टरों की मौज हो गई है। जैसे चेक के मामलों में लेने व देने वाली दो पार्टी होती हैं। देने वालों की मौज हो गई है, क्योंकि उनकी तारीख नहीं लग रही और पैसा भी नहीं देना पड़ रहा। उन्हें बेवजह का समय मिल रहा है। जबकि जिस पार्टी को पैसे लेने थे, उनके पैसे ब्लॉक हो गए हैं। इसी तरह जमीन सहित सिविल के अन्य केसों की सुनवाई में भी मुद्दई को नुकसान हो रहा है। डिफाल्टिग को इसका पूरा फायदा मिल रहा है। क्रिमिनल के जिन केसों में फैसले होने थे और गवाही होनी थी, वह भी अटके हुए हैं।
--जिले में लगती हैं 16 कोर्ट
जिले में कुल 16 कोर्ट लगती हैं। लोअर कोर्ट जींद में 7 और सफीदों व नरवाना में 2-2 लगती हैं। जींद से 4 सेशन कोर्ट लगती हैं। एक फैमिली कोर्ट लगती है। जींद के सेशन जज बलजीत सिंह की रिटायरमेंट के बाद उनका कार्यकार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर के पास है। अभी जींद में दो सेशन कोर्ट, दो लोअर कोर्ट व नरवाना और सफीदों में 1-1 लोअर कोर्ट में फिजिकल सुनवाई हो रही है।