सीसीआइ को किसान नहीं देना चाहते कपास, कागजों के झंझटों से बचना चाहते
कपास की मंडियों में गिने जाने वाली उचाना मंडी में पहली बार सीसीआई ने कपास की खरीद शुरू की है। 24 अक्टूबर से शुरू की गई खरीद के बाद अब तक एक क्विटल की खरीद भी सीसीआई ने नहीं की है।
संवाद सूत्र, उचाना : कपास की मंडियों में गिने जाने वाली उचाना मंडी में पहली बार सीसीआई ने कपास की खरीद शुरू की है। 24 अक्टूबर से शुरू की गई खरीद के बाद अब तक एक क्विटल की खरीद भी सीसीआई ने नहीं की है। किसान अपनी कपास की फसल को सीसीआई को नहीं बेचना चाहते है। हाइवे पर अतिरिक्त मंडी में सीसीआई के अधिकारी हर रोज आते है, लेकिन वहां पर किसान कपास की खरीद के लिए जानकारी लेने आते है। अब तक एक भी किसान अपनी फसल बेचने नहीं आ रहा है। सीसीआई द्वारा कई कागज खरीद को लेकर मांगे जा रहे है ऐसे में किसान कागजात के झंझटों में नहीं उलझना चाह रहा है। किसान फुल्लू, रामसरूप, जगदीश, हरपाल ने कहा कि सीसीआई की फसल को वो आढ़ती के माध्यम से बेचना चाहते है। सीसीआई की जो खरीद है उसमें इतने नियम है कि किसान उनको पूरा करने में समक्ष नहीं हो पा रहा है।
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ये है सीसीआई के नियम
सीसीआई के अधिकारी विकास सहगल ने बताया कि कपास की खरीद को लेकर अलग-अलग नियम बनाए गए है। 8 से 12 प्रतिशत तक कपास में नमी होनी चाहिए। इसको लेकर अलग-अलग भाव किसान को दिए जाएंगे। 8 प्रतिशत तक की नमी वाले फसल के 5450 रुपये प्रति क्विटल, 9 प्रतिशत तक नमी वाली कपास के 5395 रुपये 50 पैसे प्रति क्विटल, 10 प्रतिशत तक नमी वाली के 5341 रुपये प्रति क्विटल, 11 प्रतिशत तक नमी वाली फसल के 5286 रुपये 50 पैसे प्रति क्विटल, 12 प्रतिशत तक नमी वाली फसल के 5232 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से किसानों को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसान को जमीन की फर्द, बैंक खाता की कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी लेकर आनी होगी। खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुबह साढ़े दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक कपास की खरीद की जाएगी। अब तक किसान कपास बेचने नहीं आए है। कुछ किसान जानकारी लेने जरूर आए।