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जिस खेत में 40 मण कपास होनी थी, अब निकल रही 8 मण, गिरदावरी की मांग

जिले में खराब हुई कपास की फसल की गिरदावरी की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने प्रधान रोहताश नगूरां की अध्यक्षता में अलेवा क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। इस अवसर पर किसानों से खराब कपास की फसल के बारे में जानकारी ली गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 06:32 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 06:32 AM (IST)
जिस खेत में 40 मण कपास होनी थी, अब निकल रही 8 मण, गिरदावरी की मांग
जिस खेत में 40 मण कपास होनी थी, अब निकल रही 8 मण, गिरदावरी की मांग

संवाद सहयोगी, अलेवा: जिले में खराब हुई कपास की फसल की गिरदावरी की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने प्रधान रोहताश नगूरां की अध्यक्षता में अलेवा क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। इस अवसर पर किसानों से खराब कपास की फसल के बारे में जानकारी ली गई। किसानों ने बताया कि कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जहां पर उत्पादन 40 मन के आसपास था, वहीं अब बीमारी के कारण 5 से 8 मण तक बड़ी मुश्किल से रह गया है। किसानों द्वारा हजारों रुपए खर्च करने के बाद अब फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। किसान सभा ने जब किसानों की आवाज सरकार और प्रशासन तक पहुंचाई तो जिला प्रशासन ने 25 प्रतिशत खराब फसल की रिपोर्ट बनाई गई है। खराब फसल के कारण चार जिलों में हिसार, सिरसा, भिवानी तथा फतेहाबाद में स्पेशल गिरदावरी के आदेश दे दिए, जबकि जींद व रोहतक छोड़ दिया है। जींद के उचाना में किसान सभा 4 दिनों से लगातार धरना देकर जिला जींद में स्पेशल गिरदावरी की मांग कर रही है। रोहताश ने बताया कि हरियाणा सरकार की नीयत में खोट है जो किसानों को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि खराब हुई कपास की फसल जल्दी मुआवजा दिया जाए, जिससे किसान अपनी फसल की बिजाई कर सके। किसान सभा ने अपील की कि 19 अक्टूबर को जींद व उचाना में चल रहे धरने पर पहुंचकर अपनी आवाज इन किसान विरोधी प्रशासन व सरकार तक पहुंचाए।

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