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बजट की कमी से शापिग काम्प्लेक्स का निर्माण पांच माह से बंद, नप भवन का भी धीमी गति से चल रहा काम

जींद में सीएम घोषणा के अंतर्गत शापिग काम्प्लेक्स और नगर परिषद के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन बजट नहीं मिलने से काम रुक गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 07:43 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 07:43 AM (IST)
बजट की कमी से शापिग काम्प्लेक्स का निर्माण पांच माह से बंद, नप भवन का भी धीमी गति से चल रहा काम
बजट की कमी से शापिग काम्प्लेक्स का निर्माण पांच माह से बंद, नप भवन का भी धीमी गति से चल रहा काम

जागरण संवाददाता, जींद : शहर में सीएम घोषणा के अंतर्गत शापिग काम्प्लेक्स और नगर परिषद के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। दोनों प्रोजेक्ट का भूमि पूजन विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2019 में हुआ था। दोनों प्रोजेक्ट की डेडलाइन 31 मार्च थी। लेकिन बजट नहीं आने के कारण शापिग काम्प्लेक्स का काम करीब पांच माह से बंद है और नगर परिषद के नए भवन का काम भी काफी धीमी गति से चल रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ठेकेदार के अनुसार 17 से 18 करोड़ रुपये का काम हो चुका है। लेकिन नगर परिषद की तरफ से छह करोड़ रुपये के बिलों का ही भुगतान हुआ है। पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के बिल नगर परिषद कार्यालय में कई माह पहले जमा कराए थे। पांच करोड़ रुपये के बिल और तैयार हैं। लेकिन नगर परिषद अधिकारी मुख्यालय से सीएम घोषणा का बजट नहीं आने का हवाला दे रहे हैं। अगर जल्द ही सीएम घोषणा का बजट नहीं आता है, तो नगर परिषद के भवन का भी निर्माण कार्य रुक सकता है।

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लघु सचिवालय में चल रहा नगर परिषद कार्यालय

करीब साढ़े तीन साल पहले नगर परिषद कार्यालय पुराने भवन से लघु सचिवालय में शिफ्ट हो गया था। सितंबर 2019 में जब इन दोनों भवनों का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जब तत्कालीन नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी ने दावा किया था कि वो अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इन दोनों भवनों का उद्घाटन कराएंगी। 22 जून को उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक एक भवन भी बनकर तैयार नहीं हुआ। कोरोना की वजह से भी बीच में काम रुका। जिससे ठेकेदार को छह माह अतिरिक्त मिल गए।

कितना काम हुआ पूरा

करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शापिग काम्प्लेक्स का लगभग 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। निर्माण का ज्यादातर काम हो चुका है। फिनिशिग का काम बचता है, जिसमें टायल लगाना, फर्श, फिटिग व अन्य काम शामिल है। 14 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नगर परिषद के नए भवन का करीब 70 फीसद काम हुआ है। इसमें भी ज्यादातर फिनिशिग का ही काम बचता है। इन दोनों भवनों के निर्माण में हो रही देरी से नगर परिषद को ही नुकसान हो रहा है। शापिग काम्प्लेक्स की दुकानों से मिलने वाले किराये से नगर परिषद को हर माह लाखों रुपये की आमदनी होनी है।

मुख्यालय से बजट आने पर किया जाएगा भुगतान

नगर परिषद के एक्सईएन सुमित मलिक ने बताया कि शापिग काम्प्लेक्स और नगर परिषद भवन के प्रोजेक्ट सीएम घोषणा में शामिल हैं। ठेकेदार की पेमेंटे के लिए बिलों को मुख्यालय भेजा हुआ है। जैसे ही मुख्यालय से बजट आएगा, ठेकेदार की पेमेंट कर दी जाएगी।


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