Move to Jagran APP

एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने शुरू की जांच, धंसी सड़कों का किया निरीक्षण

जींद में एडीसी साहित गुप्ता की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने सोमवार शहर में धंसी सड़कों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एडीसी के साथ जांच कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 08:15 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 08:15 AM (IST)
एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने शुरू की जांच, धंसी सड़कों का किया निरीक्षण
एडीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने शुरू की जांच, धंसी सड़कों का किया निरीक्षण

जागरण संवाददाता, जींद : एडीसी साहित गुप्ता की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने सोमवार शहर में धंसी सड़कों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एडीसी के साथ जांच कमेटी के सदस्य जिला नगर आयुक्त संजय बिश्नोई, नगर परिषद, बीएंडआर और जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन भी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे। कमेटी ने सबसे पहले रोहतक रोड पर धंसी सड़क का निरीक्षण किया। उसके बाद मिनी बाईपास पर धंसी सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बीएंडआर, नगर परिषद और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। रोहतक रोड पर धंसी सड़क के मामले में बीएंडआर एक्सईएन सुल्तान वशिष्ठ ने एडीसी को बताया कि यहां सड़क निर्माण से पहले नगर परिषद ने अमृत योजना के तहत बरसाती पानी की पाइप और जन स्वास्थ्य विभाग ने सीवर लाइन डाली थी। इन पाइप लाइन की लीकेज के कारण ही सड़क धंसी है। यहां भी तीनों विभागों के अधिकारी एक-दूसरे ही जिम्मेदारी डालते रहे। गौरतलब है कि करीब डेढ़ माह पहले रोहतक रोड और मिनी बाईपास धंसा था। बीएंडआर ने नगर परिषद और जन स्वास्थ्य विभाग की पाइप लाइन लीक होने को सड़क धंसने का कारण बताया था। वहीं नगर परिषद और जन स्वास्थ्य विभाग अपनी लाइन लीक होने से इंकार करते रहे हैं। तीनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। इसलिए डीसी ने एडीसी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। जो सड़कों के धंसने का कारण और उसके लिए जिम्मेदार कौन है। इसकी जांच करेगी।

loksabha election banner

नगर परिषद अधिकारियों को पड़ी फटकार

उसके बाद टीम मिनी बाईपास पर पहुंची। बीएंडआर एक्सईएन ने एडीसी को बताया कि मिनी बाईपास सड़क पिछले साल बनी थी। डेढ़ माह पहले नगर परिषद के ठेकेदार ने गोहाना रोड के नीचे क्रासिग करते समय यहां दबी बरसाती पानी की लाइन में पानी छोड़ा। जिसके बाद ये सड़क धंसी है। नगर परिषद अधिकारियों ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि जब तक बरसाती पानी की लाइन चालू भी नहीं हुई थी। ऊपर से बरसाती पानी नीचे जाने से सड़क धंस सकती है। नगर परिषद अधिकारियों द्वारा रखे इस टेक्निकल पक्ष पर एडीसी ने नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई।

बस स्टैंड के पीछे नगर परिषद ठेकेदार की वजह से धंसी सड़क : जन स्वास्थ्य विभाग

वहीं बस स्टैंड के पीछे धंसी सड़क के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सतीश नैन ने नगर परिषद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अमृत ठेकेदार ने गोहाना रोड के नीचे से क्रासिग के समय सिचाई विभाग के वाटर चैनल को बंद किया था। जिसे बाद में खोला नहीं गया। जब वाटर चैनल में हांसी ब्रांच नहर से पानी छोड़ा गया, तो वाटर चैनल ओवरफ्लो हो गया। जिससे सड़क धंस गई और सेक्टर आठ में भी वाटर चैनल से पानी ओवरफ्लो होकर बहने लगा। जहां नगर परिषद द्वारा मिट्टी डलवाई जा चुकी है।

जिम्मेदारी अधिकारियों पर लगाया जाए जुर्माना

जब जांच कमेटी निरीक्षण के लिए गोहाना रोड के पास पहुंचे, तो आसपास के दुकानदार एडीसी से मिले। दुकानदारों ने कहा कि पिछले कई साल से यहां बुरा हाल है। एक बार सड़क को बनाया जाता है, फिर उसे उखाड़ दिया जाता है। जिससे उनकी दुकानदारी भी ठप हो गई है। सड़क धंसने से मिनी बाईपास वन-वे हो गया है। इसलिए इस मामले में जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाए और सड़क को ठीक कराया जाए। गोहाना रोड पर मिनी बाईपास की सीधी क्रासिग का रास्ता बंद है। जिससे उनकी दुकानों पर ग्राहक नहीं आ पाते। यहां चौक बनाया जाए।

एनआइटी की टीम भी कर चुकी जांच

जिला नगर आयुक्त ने इन तीनों विभागों के एक्सईएन की संयुक्त टीम बनाई थी, जिसे जांच कर रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन तीनों ही विभागों के एक्सईएन ने अलग-अलग रिपोर्ट सौंपते हुए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। बीएंडआर ने एनआइटी (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी) कुरुक्षेत्र के सिविल इंजीनियर डिपार्टमेंट से जांच कराई। जिसकी पिछले सप्ताह आई रिपोर्ट में सड़क धंसने का कारण पानी की लीकेज को बताया गया। इस जांच पर जिला नगर आयुक्त ने सवाल उठाए थे कि बीएंडआर खुद सड़क धंसने के मामले में पार्टी है, तो वो जांच कैसे करा सकता है।

पहली विजिट थी, जल्द ही जांच कर डीसी को देंगे रिपोर्ट : एडीसी

निरीक्षण से पहले एडीसी ने दोपहर को अपने कार्यालय में कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक भी की। जहां तीनों विभागों के एक्सईएन ने पूरे मामले के बारे में एडीसी को बताया और अपना-अपना पक्ष रखा। एडीसी ने बताया कि ये पहली विजिट थी। जांच की जा रही है। प्रोजेक्ट डिटेल के साथ-साथ संबंधित सभी टेक्निकल पक्ष देखे जाएंगे। इसलिए अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकते। निरीक्षण कर जल्द ही डीसी को रिपोर्ट दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.