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डेढ़ माह से कमर्शियल वाहनों को नहीं मिले परमिट, प्रदूषण जांच केंद्रों को भी अनुमति का इंतजार

आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) कार्यालय में ड्राइविग लाइसेंस कमर्शियल वाहनों का परमिट व अन्य कामों से संबंधित हजारों फाइलें अटकी हुई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:50 AM (IST)
डेढ़ माह से कमर्शियल वाहनों को नहीं मिले परमिट, प्रदूषण जांच केंद्रों को भी अनुमति का इंतजार
डेढ़ माह से कमर्शियल वाहनों को नहीं मिले परमिट, प्रदूषण जांच केंद्रों को भी अनुमति का इंतजार

जागरण संवाददाता, जींद : आरटीए (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण) कार्यालय में ड्राइविग लाइसेंस, कमर्शियल वाहनों का परमिट व अन्य कामों से संबंधित हजारों फाइलें अटकी हुई हैं। जिलेभर में सैकड़ों गाड़ियों का परमिट खत्म हो चुका है। परमिट रिन्यू कराने के लिए गाड़ी चालकों ने एक माह से अप्लाई किया हआ है। लेकिन अभी तक दोबारा परमिट नहीं मिला। जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) का डेढ़ माह तक पद खाली था। पिछले सप्ताह कैथल के जिला परिवहन अधिकारी सत्यवान मान को जींद का चार्ज सौंपा गया है। मंगलवार को उनके पास काफी संख्या में लोग फाइल लेकर पहुंचे। जिनमें काफी संख्या में युवक ऐसे थे, जिन्होंने हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रैनिग लेनी है और लेकिन उनकी फाइल पर जिला परिवहन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण दिक्कत आ रही थी। कार्यालय के गेट पर खड़े कर्मचारी उन्हें अंदर जाने से रोकने लगा। लेकिन वे जिला परिवहन अधिकारी से मिलने की जिद करने लगे। जिसके बाद जिला परिवहन अधिकारी सत्यवान मान उनसे मिले और उनकी फाइल लेते हुए जल्द कार्रवाई की बात कही। वहीं गाड़ियों के परमिट व अन्य कामों से आए लोगों को कहा कि अभी काफी फाइलें बाकी हैं। प्राथमिकता के आधार पर जो काम पहले जरूरी है, उसे निपटाया जाएगा।

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परमिट खत्म होने से गड़ी हो गई गाड़ियां

जिला परिवहन अधिकारी से मिलने पहुंचे जगदीश ने बताया कि उनकी 12 गाड़ियां हैं। जिनका 21 दिसंबर को परमिट खत्म हो गया है। बगैर परमिट के गाड़ी नहीं चला सकते। करीब एक माह पहले ही दोबारा परमिट के लिए फीस जमा करवा कर अप्लाई कर दिया था। लेकिन अब तक परमिट नहीं मिला। जब तक परमिट नहीं मिल जाता, गाड़ी खड़ी ही रहेंगी।

प्रदूषण जांच केंद्रों को भी नहीं मिल रही अनुमति

प्रदूषण जांच केंद्र संचालक अखिल गोयल ने बताया कि 20 दिन पहले उसके केंद्र की परमिशन खत्म हो चुकी है। जिसके कारण वाहनों के प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बनाने का काम बंद है। जिले में करीब 40 प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जिनमें से आधा से ज्यादा की परमिशन खत्म हो चुकी है। इससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। बगैर प्रदूषण के सर्टिफिकेट के हजारों रुपये का जुर्माना लगता है। जिला परिवहन अधिकारी ने प्रदूषण जांच केंद्रों का निरीक्षण करके अनुमति देने की बात कही।

वर्जन

डेढ़ माह का काम निपटाने में समय तो लगेगा। मंगलवार को 300 से ज्यादा फाइलें निकाली हैं। जिन युवाओं ने हैवी लाइसेंस की ट्रेनिग करनी है, पहले उनकी फाइलें निकाली जा रही हैं। वाहनों के परमिट और प्रदूषण जांच केंद्रों की अनुमति के लिए भी लोग उनसे मिले हैं। प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही सभी फाइलों को निपटाया जाएगा। लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

-सत्यवान मान, जिला परिवहन अधिकारी, जींद


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