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बारिश से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान, आज भी बारिश के आसार

जिले का बृहस्पतिवार को मौसम का मिजाज बदल गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:38 AM (IST)
बारिश से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान, आज भी बारिश के आसार
बारिश से बढ़ी ठंड, पांच डिग्री गिरा तापमान, आज भी बारिश के आसार

जागरण संवाददाता, जींद : जिले का बृहस्पतिवार को मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह से ही बादल छाए रहे और शाम को जिलेभर में हल्की बारिश हुई। इससे मौसम में ठंड बढ़ गई और अधिकतम तापमान गिर कर 23 डिग्री से गिरकर 18 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 13 डिग्री रहा। ठंड की वजह से लोग घरों में ही दुबके रहे। शुक्रवार को भी बारिश की संभावना जताई जा रही है। वहीं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने का भी अंदेशा जताया जा रहा है। जिससे आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने के आसार हैं। न्यूनतम तापमान गिर कर आठ डिग्री तक पहुंच सकता है। बारिश गेहूं, सरसों समेत अन्य फसलों के लिए लाभकारी है। लेकिन कपास वाले एरिया में जहां गेहूं की बिजाई दो-चार दिन पहले हुई है। उनमें नुकसान हो सकता है। खासकर जुलाना क्षेत्र जहां जलभराव की समस्या रहती है। वहां बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। नवंबर के आखिरी सप्ताह में बारिश हुई थी, जिससे जमीन में नमी बढ़ गई थी। अब बारिश होने से परेशानी होगी और सैकड़ों एकड़ में गेहूं की बिजाई नहीं हो पाएगी। जिले में करीब 2.17 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई होती है। कृषि विभाग के अनुसार करीब दो लाख हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी है। ये बरतें सावधानी

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बारिश की वजह से ठंड बढ़ गई है। ऐसे में संभल कर रहने की जरूरत है। बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। मौसम के अनुसार कपड़ों का चयन करें। सोख रंगों को अपनाइए। दस्ताने और मौजे पहनें। बच्चों का विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है। छोटे बच्चे को सुबह व सायं जमीन या फर्श पर नंगे पैर ना उतरने दें। अगर ठंड लग जाती है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।

डॉ. राजेश भोला, डिप्टी सिविल सर्जन, नागरिक अस्पताल अगेती गेहूं के लिए है फायदेमंद

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. यशपाल मलिक ने बताया कि जो गेहूं की फसल तीन सप्ताह या इससे पहले हुई है। उसके लिए बारिश काफी फायदेमंद है। इस पौधे की मोटाई और लंबाई बढ़ेगी और फसल को नई ऊर्जा मिलेगी। जिसने चार-पांच दिन पहले या उसके बाद बिजाई की है, उसमें नुकसान की आशंका है। जिस खेत में कपास की फसल थी, वहां कुछ एरिया में गेहूं की बिजाई होनी बाकी है।


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